लोक निर्माण विभाग (भवन) पन्ना में ठेकेदारो के बिलो में हो रहा फर्जीवाड़ा, ठेकेदारो को पंहुचाया जा रहा आर्थिक लाभ
दीपक शर्मा
पन्ना ९ सितम्बर ;अभी तक ; लोक निर्माण भवन पन्ना में करीब दो सौ करोड़ के निर्माण कार्य करा जा रहे है। जिसमे ठेकेदारो को आर्थिक लाभ पंहुचाकर अधिकारीयों द्वारा शासन को आर्थिक छति पंहुचाई जा रही है। यह फर्जीवाड़ा विगत वर्षो से लगातार चल रहा है। उदाहरण के तौर पर जिला अस्पताल पन्ना के दो सौ से तीन सौ उन्यन कार्य का ठेका लक्ष्मीचन्द्र एण्ड संस निर्माण कंपनी ग्वालियर को करीब 14 करोड़ की लागत से निर्माण कार्य दो वर्ष के अन्दर पूरा करने का ठेका दिया गया था। लेकिन उक्त कार्य को लगभग 4 वर्ष पूर्ण हो गये है। और उक्त निर्माण कार्य अभी तक पूर्ण नही किया गया है। निर्माण कार्य में बिलो के भुगतान में भी विभाग के अधिकारीयों तथा ठेकेदार की साठ गाठ से आर्थिक लाभ पंहुचाया जा रहा है तथा शासन को छति पंहुचाई जा रही है।
ज्ञात हो कि उक्त कार्य की देखरेख विभाग मे पदस्थ उपंयत्री पीके जैन द्वारा की जा रही है। जैन द्वारा बताया गया कि उसके द्वारा अस्तपाल के 11 ऐ चलित देयक का रूपये एक करोड़ अडसठ लाख सत्तहत्तर हजार छ सौ चौषठ रूपये के भुगतान हेतु माप पुस्तिका क्रमांक 148 के पेज क्रमांक 37 में बिल प्रस्तुत किया गया था। उक्त बिल को विभाग के एसडीओ यशवंत सिंह तथा तत्कालीन कार्यपालन यंत्री जेपी सोनकर द्वारा ठेकेदार से साठ गाठ कर माप पुस्तिका में अतिरिक्त पेज चिपकाकर 34 लाख 70 हजार 256 रूपये का अधिक भुगतान करते हुए उक्त बिल को 2 करोड़ 3 लाख 47 हजार 920 का भुगतान चेक क्रमांक 28040000676 दिनांक 22 मई 2024 को कर दिया गया। इसी प्रकार पूर्व में भी ठेकेदार को आर्थिक लाभ पंहुचाते हुए छठवें रनिंग बिल में बिना उपयंत्री के हस्ताक्षर करायें 34 लाख 31 हजार 751 रूपये का नियम विरूद्ध भुगतान किया गया था। जिसकी शिकायत श्री जैन द्वारा विभाग के प्रमुख सचिव सहित आला अधिकारीयो से 15 मार्च 2024 को की थी एवं उक्त शिकायत की जांच भी प्रमुख सचिव द्वारा मुख्य अभियंता भवन रीवा को कराने के निर्देश दिये गये थें। परन्तु उन्होने स्वंय जांच न करके नियम विरूद्ध विभाग के ही कार्यपालन यंत्री पन्ना को थमा दी गई है। जिस कारण उक्त जांच छह माह में भी पूरी नही हुई और न ही संबंधित मामले मे कोई कार्यवाही की गई है।
ज्ञात हो कि जिले मे चल रहे करोड़ो रूपये के अधिकांश निर्माण कार्य पन्ना मे पदस्थ उपयंत्री को न देकर मनमाने ढंग से सतना मे पदस्थ अपने चहेते उपयंत्रीयों को देकर लगातार ठेकेदारो को आर्थिक लाभ पंहुचाया जा रहा है। जिससे उन्हे मोटा कमीशन मिल सकें तथा शासन को आर्थिक हानी पंहुचाई जा रही है। इसी कमीशन खोरी के चलते जिले भर मे घटिया एवं गुणवत्ताविहीन कार्य हो रहें है। उदाहरण के तौर पर अजयगढ़ में नवनिर्मित बालक तथा बालिकाओं के छात्रावासो का तीन तीन करोड़ रूपये से निर्माण कार्य किया गया है। लेकिन उक्त भवन इतने घटिया बनाये गये है कि संबंधित शिक्षा विभाग अपने अधिपत्य मे नहीं ले रहा है, छह माह से लगातार शिक्षा विभाग लोक निर्माण विभाग के बीच भी भवन अधिपत्य लेने को लेकर विवाद चल रहा है। उक्त विभाग मे लगातार भ्रष्टाचार का खेल विगत कई वर्षो से चल रहा है। जिसके चलते तत्कालीन कार्यपालन यंत्री अनामिका सिंह एवं एसडीओ आलोक श्रीवास्तव के खिलाफ लोकायुक्त भोपाल द्वारा भ्रष्टाचार का प्रकरण क्रमांक 1142/2017 दर्ज किया गया है। उसके बावजूद भ्रष्ट एसडीओ आलोक श्रीवास्तव जो दस वर्ष से पन्ना मे जमें हुए है। उन्हे नही हटाया गया है। स्थानीयल लोगो ने संबंधित मामले की जांच कराने तथा दोषियो के खिलाफ कार्यवाही कराने की मांग की है।