प्रशासन की आवश्यक अनुमति के बिना नदी नालों एवं तालाबों के किनारे स्थित भूमि का समतलीकरण कर प्लाटिंग की जा रही
आनंद ताम्रकार
बालाघाट २२ फरवरी ;अभी तक; जिले के अनुविभागीय मुख्यालय वारासिवनी में इन दिनों नदी नालों एवं तालाबों के किनारे स्थित भूमि का समतलीकरण कर प्लाटिंग की जा रही है जिसके लिये प्रशासन की आवश्यक अनुमति नहीं ली गई है। नगर पालिका परिषद की ओर से इस अवैध प्लाटिंग के मामले में कोई गौर नहीं किया जा रहा है।
ताजा मामला वार्ड नंबर 11-12 स्थित चंदन नदी के किनारे पर सैकड़ों वर्ष पुराना टीला बना हुआ है उसे जेसीबी से समतलीकरण किया जा रहा है तथा वहां पर प्लाटिंग कर उसकी बिक्री किये जाने की जानकारी मिली है। जबकि माननीय उच्चतम न्यायालय एवं एनजीटी द्वारा दिये गये निर्देश के अनुसार नदी नालों तथा तालाब की सीमा से 33 मीटर तक ग्रीन बेल्ट बनाये रखने के आदेश पारित किये गये है जिसके अनुसार 33 मीटर की सीमा के अंदर किसी भी प्रकार से स्थाई निर्माण कार्य नहीं किया जा सकता।
इसी प्रकार वेटलैंड प्राधिकरण के अनुसार तालाब नदी और नालों में 50 मीटर की सीमा में कोई निर्माण कार्य नहीं किया जा सकता। ये सारे आदेश राजपत्र में प्रकाशित किये गये है लेकिन संबंधित अधिकारी और नगर पालिका परिषद की ओर से इस अवैधानिक कार्यों पर कोई अंकुश नहीं लगाया जा रहा है जिसके कारण शहर के सीमा में स्थित नदी तालाब और नालों की भूमि पर प्लाटिंग कर अवैध कॉलोनी बनाने का सिलसिला धड़ल्ले से चला रहा है।
चंदन नदी में की जा रही अवैध प्लाटिंग और भूमि के समतलीकरण किये जाने के संबंध में अनुविभागीय अधिकारी सुश्री कामिनी ठाकूर को अवगत कराया गया है। उन्होने कहा की वे इस संबंध में राजस्व अमले को भेजकर जानकारी प्राप्त करेंगी तत्पश्चात् विधिसंगत कार्यवाही की जायेगी।