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मीठी वाणी बोलो, बोलने में विवेक रखो-साध्वी रमणीककुंवरजी म.सा.
महावीर अग्रवाल
मन्दसौर २३ अगस्त ;अभी तक ; मनुष्य जीवन में मीठी वाणी का महत्व सर्वविदित है। मीठे व शुभ वचनों से मनुष्य किसी को भी प्रभावित कर सकता है। जो लोग शुभ व मीठा बोलते है वे अनावश्यक विवादों से भी बचे रहते है। जीवन में हमें अपनी वाणी को संयमित रखने पर विशेष ध्यान देना चाहिये तथा बोलने में विवेक रखना चाहिए।
उक्त उद्गार परम पूज्य जैन साध्वी श्री रमणीककुंवरजी म.सा. ने नईआबादी शास्त्री कॉलोनी स्थित जैन दिवाकर स्वाध्याय भवन में कहें। आपने शुक्रवार को यहां धर्मसभा में कहा कि जीवन में मधुर वाणी का महत्व समझे, बिना सोचे समझे कुछ न बोले, जो भी बोले सोच समझकर बोले। जो भी व्यक्ति मीठा व शुभ बोलते है वे शत्रु को भी मित्र बनाने का सामर्थ्य रखते है। जो व्यक्ति कठोर बोलते है या अशुभ वचन बोलते है वे मित्रों को भी अपना शत्रु बना लेते है। जिस प्रकार कौवा अपनी अशुभ व कठोर वाणी के कारण सभी को अप्रिय लगता है लेकिन कोयल रंग रूप में कौवे के समान होने पर भी वह कौवे से श्रेष्ठ मानी जाती है। क्योंकि वह मीठा बोलती है। हमें जीवन में कौवा बनना है या मीठा बोलना है निर्णय स्वयं करें। महर्षि तुलसीदासजी ने भी मीठी वाणी की महत्ता बताई है। हम उसे समझने का प्रयास करें। र्ध्मासभा में आपने कहा कि मीठी वाणी सदैव शहद के समान लगती है और कड़वे वचन की उपमा जहर से की जाती है। इसलिये जीवन में सदैव शुभ बोले मीठा बोलें
जन्माष्टमी पर विशेष प्रवचन एवं बच्चों की फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता होगी- दिनांक 26 अगस्त सोमवार को श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व पर दोप. 2.30 बजे से साध्वी श्री रमणीक कुंवरजी व श्री चंदना श्रीजी म.सा. के विशेष प्रवचन होंगे। तथा जैन दिवाकर महिला मण्डल नईआबादी के तत्वावधान में श्रीकृष्ण फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता होगी। जिसमें 2 से 12 वर्ष तक के बच्चे भाग ले सकेंगे।