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*रेल्वे पुल के पत्थरों से बन सकता है नर्मदा नदी पर बड़ा घाट, रेल मंत्री को पत्र लिखकर की है मांग*,  राकेश गुप्ता, 

प्रदीप सेठिया
बड़वाह १५ जून ;अभी तक; नर्मदा नदी पर बन रहे रेलवे के नए पुल का काम तीव्र गति से हो रहा है, पुराने लगभग सारे पिलर गिरा दिए गए हैं, 3 पिलर अभी भी गिराए जाना बाकी है, अब तक गिराए गए पिलरों से बड़ी संख्या में जो पत्थर निकले हैं उनसे निर्माणस्थल पर ही रपट बनाकर नर्मदा का पानी रोककर पिलरों का निर्माण कार्य हो रहा है।
पुराने पुल के तराशे गए पत्थर चोकर होकर उनका उपयोग नर्मदा नदी पर घाटों के निर्माण में अति उपयोगी साबित हो सकते हैं, जिसके लिए नगरपालिका अध्यक्ष राकेश गुप्ता द्वारा रेल मंत्री को पत्र लिखकर पत्थरों के उपयोग हेतु अनुमति भी मांगी गई है।
आपके अनुसार नवीन पिलरों के निर्माण के बाद पुराने पिलर के पत्थरों का कोई उपयोग हो इसकी संभावना कम ही है, यह पत्थर नदी में तेज बाढ़ आने पर बह कर दूर तक चले भी जा सकते हैं, ऐसे में नर्मदा नदी पर घाट के निर्माण के लिए पुल के पत्थरों का उपयोग उनकी उपयोगिता को बढ़ाएगा, पत्थरों को अन्यत्र ले जाकर उपयोग करना भी ढुलाई की लागत को देखते संभव नहीं है, आपने 2028 के सिंहस्थ को ध्यान में रखकर भी नर्मदा पर बड़ी मात्रा में घाट के निर्माण की बात की। नगर की समाज सेवी संस्थाओं द्वारा भी प्रशासन से पिलर के निकले पत्थरों से नर्मदा नदी पर घाट के निर्माण में उपयोग हेतु मांग किए जाने की आवश्यकता बताई। समग्र युवा फाउंडेशन के अध्यक्ष समीर माहुले और Says बड़वाह के जितेंद्र सेन द्वारा नगरपालिका अध्यक्ष से चर्चा कर इस पिलर के पत्थरों से घाट के निर्माण की महती आवश्यकता को पूरा करवाने के लिए निरंतर प्रयास और सहयोग की अपेक्षा व्यक्त की।
 बड़वाह के समीप नर्मदा नदी पर यह रेलवे का पुल करीब 140 वर्ष पूर्व अंग्रेजों के समय बनाया गया था यह  पुलमहू बड़वाह सनावद मीटर गेज रेल सेक्शन पर है जिसका अमान परिवर्तन का कार्य ब्रॉड गेज में परिवर्तित करने का चल रहा है

 

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