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जेल को सुधार गृह समझकर जीवन में परिवर्तन करें-ब्रह्माकुमारी बहनजी

दीपक शर्मा

पन्ना १४ जुलाई ;अभी  तक;  नशा सिर्फ व्यक्ति को ही नहीं परिवार, तथा पूरे समाज को क्षति पहुंचता है, नशा नाश की जड़ है। व्यसनों का शिकार होना अपने जीवन को नर्क बनाना है। व्यसनों के कारण ही आज हमारा समाज पतन की ओर जा रहा है।

उक्ताश्य के विचार ब्रम्हकुमारीज़ सीता बहनजी ने जिला जेल परिषर मे आयोजित कार्यक्रम के दौरान व्यक्त किये। उन्होने कहा कि नशा से इंसान के सोचने की शक्ति तथा समाज से मिलने वाले सम्मान सहित वह सभी चीजो से वंचित हो जाता है। उन्होने नशा के संबंध में अनेक चित्रों एवं उदाहरण के माध्यम से सभी प्रकार के व्यसनों से होने वाले नुकसान से अवगत कराया एवं कहा कि मानव परमात्मा की सबसे सुंदर रचना है इसलिए इंसान को अपने अनमोल जीवन को नशे में व्यर्थ गंवाने से बचते हुए उसे स्वयं का विकास, परिवार एवं समाज के कल्याण में लगाना चाहिए। जीवन को बचाना प्रत्येक व्यक्ति का धर्म अथवा कर्तव्य है। नशा छोड़ने के लिए हमें अपने आप में दृढ़ प्रतिज्ञा करनी होगी एवं रोज कुछ समय ध्यान के लिए अवश्य निकालना है। सभी को नशा छोड़ने के लिए प्रतिज्ञा कराई गई। ब्रह्माकुमारीज़ विद्यालय द्वारा जिला जेल में महिला वार्ड के लिए ठंडे पानी की आवश्यकता को देखते हुए एक वाटर कूलर उपहार स्वरूप भेंट किया गया। इस अवसर पर शकुंतला बहन ने भी अपने विचार व्यक्त किये तथा जेलर अधीक्षक आरपी मिश्रा ने ब्रम्हकुमारीज़ संस्था के द्वारा समाजहित में किये जा रहे कार्यो की सराहना करते हुए कहा कि आज के समय में भी इस प्रकार की संस्थाए है जो हमारे समाज के लोगो को सुधारने की दिशा मे लगातार कार्य कर रही है।

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