बदलाव की लहर पर सवार बालाघाट में बागी और नाराज कार्यकर्त्ता बिगाड़ेंगे कांग्रेस और भाजपा का गणित

आनंद ताम्रकार
बालाघाट ८ नवंबर ;अभी तक; अपार खनिज संपदा वनों से आच्छादित तथा सुंगधित चिन्नौर चांवल के नाम की पहचान रखने वाले बालाघाट जिले में चुनाव प्रचार जोरों से चल रहा है।  वहीं प्रमुख दल कांग्रेस तथा भाजपा में टिकिट वितरण से नाराज कार्यकर्ताओं को मनाने में दिग्गज नेताओं को आगे आना पड़ा लेकिन बात बनने की बजाय बिगडने के आसार दिखाई दे रहे है।
                             इसी तारतम्य में कटंगी विधानसभा क्षेत्र में बोधसिंह भगत भाजपा के गौरव सिंह पारधी सहित कांग्रेस छोड़कर निर्दलीय प्रत्याशी केसर बिसेन तथा इंजीनियर प्रशांत मेश्राम के बीच संघर्ष की स्थिति बनी हुई है। वहीं लांजी विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस उम्मीदवार सुश्री हिना कावरे चुनाव मैदान में है उन्हें व्यापक जनसमर्थन मिल रहा है।
                              वहीं भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष रमेश भटेरे की बजाये राजकुमार कराहे को उम्मीदवार बनाया है। इसके कारण कार्यकर्ताओं में असंतोष दिखाई दे रहा है जिसके चलते रमेश भटेरे सहित अनेक कार्यकर्ता विधानसभा क्षेत्र छोडकर अन्य क्षेत्रों में प्रचार करते दिखाई दे रहे है।
                           लांजी क्षेत्र में बुनियादी समस्याओं तथा विकास के कार्यों की बजाय चुनाव प्रचार में डबल मनी काण्ड की चर्चा जोरों पर है इसको लेकर दोनों उम्मीदवारों में आरोप प्रत्यारोप लग रहे है। जिले की वारासिवनी विधानसभा सीट में भी कमोबेश ऐसी ही स्थिति दिखाई दे रही है।
                             भाजपा के पूर्व विधायक डॉक्टर योगेन्द्र निर्मल की नाराजगी विधायक प्रदीप जायसवाल को भाजपा से टिकट देने को लेकर बनी हुई है उन्हें मानने के लिये उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री  दयाशंकर सिंह एवं प्रत्याशी प्रदीप जायसवाल उनके निवास पर पहुंचे लगभग एक घंटे चली चर्चा में उन्होने स्पष्ट कर दिया की वे भाजपा के लिये चुनाव प्रचार नहीं करेंगे ना ही वे आगे कोई चुनाव लड़ेंगे चुकी संगठन की बात प्रदेश स्तर तथा केन्द्र स्तर पर ना सुने जाने से उनके साथी कार्यकर्ता उनके साथ विरोध में है और अपना फैसला नहीं बदलेंगे।  कांग्रेस उम्मीदवार विवेक विक्की पटेल को अपेक्षा से अधिक क्षेत्र में समर्थन मिल रहा है।
                             बालाघाट विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के उम्मीदवार मंत्री गौरीशंकर बिसेन के त्रिकोणीय संघर्ष में घिरे है जहां उनका मुकाबला कांग्रेस नेत्री अनुभा मुंजारे और उनके अपने भतीजे विशाल बिसेन से होना है।
                           बैहर विधानसभा में परंपरागत प्रतिद्वंदी कांग्रेस उम्मीदवार संजय उइके और भाजपा उम्मीदवार भगत सिंह नेताम फिर इस बार आमने सामने है।
                            परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के मंत्री रामकिशोर कावरे, कांग्रेस से पूर्व विधायक मधु भगत एवं पूर्व सांसद विधायक कंकर मुंजारे को लेकर त्रिकोणी की स्थिति बनी हुई है। विगत तीन दशकों से जो चेहरे राजनीतिक प्रतिद्वंदी है वे ही इस बार चुनाव मैदान में है जनता असमंजस में है की वह किसको चुने या क्षेत्र में बदलाव लाये। कुल मिलाकर बदलाव की लहर चुनाव में दिखाई दे रही है।