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मोदी ने विकास की राजनीति का नया इतिहास लिखा :भूपेंद्र पटेल

आशुतोष पुरोहित
खरगौन ८ नवंबर ;अभी तक;  गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा है कि नरेंद्र मोदी ने विकास की राजनीति का एक नया इतिहास लिखा है। उन्होंने कहा कि मोदी ने पहले की तरह जाति पाँति पर चुनाव लड़ने की बजाय विकास का नया ‘चुनाव मंत्र’ दे दिया है।
खरगोन के भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी बालकृष्ण पाटीदार के समर्थन में नंदगांव बगूद में आज चुनावी सभा को संबोधित करते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने विकास की राजनीति का एक नया इतिहास लिख दिया है। उन्होंने कहा कि पहले जाति-पाति के आधार पर चुनाव लड़े जाते थे, लेकिन नरेंद्र मोदी ने सबका साथ, सबका विश्वास और सब का प्रयास के रूप में नया ‘चुनाव मंत्र’ दिया है।
उन्होंने कहा कि पूर्व में कांग्रेस की केंद्र व राज्य सरकारें लोगों के काम को लटकाने भटकाने और रोड़े डालने का काम करती थी। लेकिन नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आम आदमी के विकास को प्राथमिकता दी गई । उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के लोगों को विश्वास है कि बीजेपी है तो विकास है, विश्वास है, सुशासन है, और उज्जवल भविष्य का संकल्प है। उन्होंने कहा कि नमो के नेतृत्व में भाजपा हर शोषित पीड़ित व वंचित को अपना परिवार मानती है। उनका ‘कार्य मंत्र’ सुशासन और जन सेवा का है, यदि हृदय में सेवा है तो सुशासन आएगा ही। इसलिए शिलान्यास और लोकार्पण भाजपा ही करती है।
  उन्होंने कहा कि कोविड जैसी महामारी के बाद भी विकास के लिए राशि की कमी नहीं रही।
उन्होंने कहा कि हाल ही में 1.78 लाख करोड रुपए जीएसटी इकट्ठा हुआ है। उन्होंने कहा, इसके यह मायने हैं कि व्यापार भी अच्छा चल रहा है और लोगों को रोजगार भी मिल रहा है। साथ ही, व्यापार के लिए जो सुविधा मिलना चाहिए वह मिल रही है।
उन्होंने कहा कि हर चुनाव में रोजगार एक बड़ा मुद्दा रहता है, लेकिन मोदी के पहले गुजरात के मुख्यमंत्री और अब प्रधानमंत्री बनने का लाभ गुजरात को बहुत मिला है। उन्होंने कहा कि रोजगार के लिए  नरेंद्र मोदी ने 2003 में वाइब्रेंट गुजरात की शुरुआत की। ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के माध्यम से इन्वेस्टर्स आए और उन्होंने गुजरात का इंफ्रास्ट्रक्चर देखा। उन्हें सड़क पानी बिजली और अन्य प्रकार की कनेक्टिविटी उपलब्ध कराई गई । और, आज 2023 में गुजरात देश में रोजगार देने में सबसे अव्वल नंबर पर है।
उन्होंने कहा इसी तरह का काम मध्य प्रदेश में भी हुआ है।  उन्होंने कहा कि केवल अस्पताल खोल दिये जाने से कुछ नहीं होता, क्योंकि वहां पर डॉक्टरों की आवश्यकता होती है । मध्य प्रदेश में आजादी के 6 दशक बाद केवल 5 मेडिकल कॉलेज थे, लेकिन अब इनकी संख्या 25 हो जाने से प्रतिवर्ष 4000 डॉक्टर बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि आयुष्मान कार्ड ने हर गरीब और मध्यम वर्ग की व्यक्ति को चिंता मुक्त कर दिया।
उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश बीमारू से बेमिसाल राज्य बन चुका है। पहले 23,000 करोड़ का बजट आता था और आज 3 लाख करोड़ का बजट है। मध्य प्रदेश के प्रति व्यक्ति आय भी करीब 10 गुना बढ़ गई है। पहले यहां 64 लाख लोग आते थे, लेकिन अब 9 करोड लोग आ रहे हैं।

 

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