*शिक्षा में गजब की कंसेप्ट है सीएम राइस स्कूल* 

*रमेशचन्द्र चन्द्रे*
   मन्दसौर १२ जुलाई ;अभी तक;   वर्तमान युग बहुत तेजी से गति पकड़ रहा है तथा विद्यार्थियों का मानसिक स्तर भी उसके अनुसार बने एवं अंतरराष्ट्रीय शैक्षिक स्तर के बराबर भारत के बच्चे भी पहुंचे इस बात की चिंता करते हुए मध्यप्रदेश में सीएम राइज स्कूल की स्थापना का निर्णय लिया गया तथा मध्यप्रदेश में वर्तमान में 274 सीएम राइस स्कूल में  लगभग 240, 000 (दो लाख चालीस हजार) विद्यार्थी अध्ययन कर रहे हैं तथा सारे भवन का निर्माण होने के पश्चात लगभग पांच लाख विद्यार्थी इसमें अध्ययन करेंगे
                         इस प्रकार के भवन निर्माण में प्रत्येक भवन हेतु कहीं 36 करोड़ ऐसा कहीं 40 करोड़ के कॉन्ट्रैक्ट हुए हैं तथा निर्माण की गुणवत्ता की मॉनिटरिंग के लिए अनेक शासकीय हाउसिंग सोसायटी अथवा बोर्ड को जिम्मेदारी दी गई है
                                कल हम साबा खेड़ा (मंदसौर) स्थित सीएम राइज स्कूल के एक कार्यक्रम में भागीदारी की जिसमें मैं स्वयं रमेशचन्द्र चन्द्रे, प्रोफ़ेसर डॉ रविंद्र सोहनी, एवं श्री श्याम जी देशमुख, सम्मिलित हुए थे कार्यक्रम में गुरु की महिमा पर विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया गया इसके पश्चात विद्वान प्राचार्य श्री दिलीप जी डाबी के साथ सीम राइज स्कूल के निर्माणाधीन भवन को देखने के लिए गए वहाँ देखा कि एक विशाल भवन का निर्माण तेजी से चल रहा है जहां पर पहली कक्षा से लेकर 12वीं कक्षा तक के लिए 20 × 30 फिट के क्लासरूम, बाॅयलाजी, फिजिक्स, रसायन शास्त्र, एवं भूगोल विषय की विशाल प्रयोगशाला कक्ष का निर्माण हो रहा है साथ ही एक विशाल सभा कक्ष का निर्माण हो रहा है जहां पर करीब 1600 विद्यार्थियों की बैठने की व्यवस्था रहेगी एवं            मध्यान भोजन के लिए एक रसोई घर तथा एक डाइनिंग हॉल का निर्माण भी किया जा रहा है जहां बच्चे बैठकर सुविधा से भोजन कर सकेंगे वाचनालय एवं पुस्तकालय के लिए ई लाइब्रेरी हेतु  अलग से कक्ष निर्मित किए जा रहे हैं।
         सीएम राईज स्कूल में सभी कक्षाएं स्मार्ट क्लास के रूप में रहेगी तथा प्रायमरी एजुकेशन के लिए नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति की डिजाइन के अनुसार आधुनिक शैक्षणिक उपकरण भी उपलब्ध रहेंगे।
       विद्यालय परिसर में स्विंमींग पुल का भी निर्माण हो रहा है तथा  खेलकूद के लिए अलग-अलग हर विधा के ग्राउंड तैयार किए जा रहे हैं ।
       इसके अतिरिक्त एक विशाल स्टाफ रूम एवं इंडोअर गेम्स के कक्ष भी अलग-अलग निर्मित हो रहे हैं। एवं ललित कलाओं के लिए भी कक्षों का निर्माण किया जा रहा है
         प्राचार्य के कार्यालय हेतु विशाल कक्ष के साथ में एकाउंटिंग सिस्टम हेतु अलग से कक्ष का निर्माण किया जा रहा है।
          साथ ही इसमें पढ़ाने वाले विद्वान शिक्षकों के लिए परिवार सहित  निवास हेतु अनेक मल्टी स्टोरी प्लेट भी तैयार करने की योजना है इस भवन निर्माण के साथ ही है।
          भारतीय जनता पार्टी की मध्य प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षा क्षेत्र में इस प्रकार की अनूठी अवधारणा को मूर्त रूप देने के लिए जो पहल की गई है, इस हेतु सरकार धन्यवाद की पात्र है।
       मुख्यमंत्री उदय स्कूल के नाम से संचालित होने वाले ये विद्यालय जिन्हें सीएम राइस स्कूल कहा गया है, मध्य प्रदेश के विद्यार्थियों के लिए एक वरदान सिद्ध होंगे  तथा ग्रामीण क्षेत्र की प्रतिभाओं को एक शानदार मंच मिलेगा।
         जब हम भवन का अवलोकन कर रहे थे तो मन में यह प्रश्न खड़े हो रहे थे कि काश !आजादी के बाद अभी तक इस तरीके से शिक्षा पर ध्यान दिया होता तो भारत नालंदा एवं  तक्षशिला विश्वविद्यालय की तरह अनेक स्थान पर  विश्वविद्यालय स्थापित  कर लेता तथा शिक्षा क्षेत्र में भारत का नाम विश्व स्तर पर होता और हम विश्व गुरु बनने की राह पर चल सकते थे, खैर अब उस दिशा में भारत चल पड़ा है।
परंतु *इसके इंप्लीमेंट में भयंकर चिंता है कि*
      इस प्रकार की गगनचुंबी अट्टालिकाओं की साफ सफाई और मेंटेनेंस के लिए पर्याप्त कर्मचारी लगेंगे तथा दूसरी चिंता यह है कि शिक्षा के इस महान उद्देश्य को मूर्त रूप देने वाले अति योग्य शिक्षक हैं क्या? वे उस योग्य और समर्पित भाव से कार्य कर सकेंगे?