प्रदेश

मानवीय त्रुटि के कारण नहीं मान सकते अयोग्य,  हाईकोर्ट ने दिये पुनः विचार के निर्देष

सिद्धार्थ पांडेय

जबलपुर २७ अगस्त ;अभी तक;  फार्म में मानवीय त्रुटि के कारण आयोग्य माने जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी। जस्टिस जी एस अहलुवालिया की एकलपीठ ने पाना की त्रुटि से उम्मीदवार को कोई फायदा नहीं हो रहा था,मानवीय त्रुटि क्षम्य योग्य है। एकलपीठ ने पुनः विचार करने के निर्देष केन्द्र गृह विभाग को दिये है।
याचिकाकर्ता सुधीर कुमार पांडे की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि उसने केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल के लिए आवेदन किया था। आवेदन फार्म में उसने गलती से एक कॉलम में गृह जिला रीवा लिख दिया था। वह सीधी जिले के निवासी था,और दूसरे कॉलम में उसने अपना गृह जिला सही लिखा था। काट आफ से अधिक अंक मिलने के बावजूद भी इस त्रृटि के कारण उसे अयोग्य मान लिया।

एकलपीठ ने मना कि इस त्रुटी से याचिकाकर्ता को कोई फायदा नहीं था और यह एक मानवीय भूल थी। याचिककर्ता को कट ऑफ से भी अधिक अंक मिले थे। एकलपीठ ने उपरोक्त भूल को क्षम्य बताते हुए अनावेदकों को पुनः आदेश पारित करने का आदेश दिया है। याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता एन एस रूपराह ने पैरवी की।

Related Articles

Back to top button