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सोनेवानी अभ्यारण का गठन का प्रस्ताव क्यों निरस्त किया गया, मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने शासन को नोटिस जारी किये

आनंद ताम्रकार

बालाघाट १० अक्टूबर ;अभी तक;  मध्यप्रदेश वन मंत्रालय ने 18 जुलाई 2023 को बालाघाट जिले में प्रस्तावित सोनेवानी अभ्यारण के गठन के प्रस्ताव को निरस्त कर दिया है। यह आदेश पूर्णात गलत है अत इस आदेश का रद्द किया जाये।

कान्हा तथा पेंच टाइगर रिजर्व के बीच का यह महत्वपूर्ण कॉरिडोर है तथा इस कॉरिडोर में 4 माईनिग प्रोजेक्ट को लीज दी गई है लीज स्वीकृत करने के पूर्व नेशनल टाइगर संरक्षण ऑर्थोरटी एवं वन्य प्राणी बोर्ड से एनओसी प्राप्त नहीं की गई अत स्वीकृत लीज को रद्द किया जाये।

इस आशय की प्रार्थना मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ के समक्ष डॉक्टर पीजी नाजपांडे अध्यक्ष नागरिक उपभोक्ता मंच द्वारा प्रस्तुत की गई  जिसे माननीय न्यायालय ने स्वीकार करते हुए शासन को नोटिस जारी करते हुये जवाब मांगा गया है।

याचिकाकर्ता द्वारा माननीय न्यायालय में प्रस्तुत याचिका में यह अवगत कराया गया है की नेशनल टाइगर संरक्षण अथॉरिटी की रिपोर्ट के अनुसार कान्हा पेंच कॉरिडोर में लगभग 300 बाघों की आवाजाही बनी रहती है यदि इसे संरक्षित क्षेत्र का स्टेटस दिया जायेगा तो वह विश्व के चोटी के 5 क्षेत्रों में शामिल हो जायेगा। अत सोनेवानी अभ्यारण के गठन किये जाने का नोटिफिकेशन शासन द्वारा जारी होना चाहिये।
यह निर्देश माननीय हाईकोर्ट दें इस आशय की प्रार्थना याचिका में की गई है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता श्री अंशुमन सिंह ने पैरवी की।

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