जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मंदसौर द्वारा आयोजित नेशनल लोक अदालत में कुल 1320 प्रकरणों का निराकरण कर 7,84,31,502/- रूपये के अवार्ड पारित किया गया

महावीर अग्रवाल
       मंदसौर  १४ मई ;अभी तक;    राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर के निर्देशानुसार व *प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मंदसौर श्रीमान् अजीत सिंह* के मार्गदर्शन में दिनांक 13 मई 2023 शनिवार को नेशनल लोक अदालत का आयोजन जिला न्यायालय मंदसौर एवं तहसील न्यायालय गरोठ, भानपुरा, नारायणगढ़, सीतामऊ में किया गया।
                             इस अवसर पर जिला न्यायालय परिसर स्थित ए.डी.आर. सेंटर भवन के सभागृह में माननीय प्रधान जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मंदसौर श्री अजीत सिंह द्वारा माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। शुभारंभ कार्यक्रम को प्रधान जिला न्यायाधीश श्री अजीत सिंह, विशेष न्यायाधीश एट्रोसिटीज श्री राजेन्द्र प्रसाद सोनी एवं जिला अभिभाषक संघ के अध्यक्ष श्री रघुवीर सिंह पंवार ने सम्बोधित किया। आभार प्रदर्शन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री हर्ष सिंह बहरावत एवं संचालन जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री प्रवीण कुमार द्वारा किया गया।
                             उक्त कार्यक्रम में प्रथम जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश श्री किशोर कुमार गेहलोत, द्वितीय जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश श्री जितेन्द्र कुमार बाजोलिया, तृतीय जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश डॉ. प्रीति श्रीवास्तव, पंचम जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश सुश्री प्रतिष्ठा अवस्थि, सप्तम जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश श्री विशाल शर्मा, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री सुरेश सिंह जमरा, तृतीय व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ खण्ड श्री प्रवीण कुमार सोंधिया, द्वितीय व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ खण्ड श्री प्रेमदीप सांखला, चतुर्थ व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ खण्ड सुश्री. लक्ष्मी वास्कले, पंचम व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ खण्ड श्री विनोद अहिरवार, चतुर्थ व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ खण्ड श्री राहुल सोलंकी, द्वितीय व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ खण्ड सुश्री निकिता वार्ष्णेय, पंचम व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ खण्ड सुश्री प्राची पाण्डेय, तृतीय व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ खण्ड सुश्री रूपा मिश्रा, अधिवक्ता संघ के पदाधिकारी एवं अधिवक्तागण, लोक अभियोजक, अभियोजन अधिकारी, न्यायिक कर्मचारीगण, विभिन्न बैंक, बीमा कम्पनियां, विद्युत विभाग एवं विभिन्न विभागों के अधिकारीगण, खण्डपीठ सदस्यगण एवं पैरालीगल वालेन्टियर्स इत्यादि उपस्थित रहे।
         दिनांक 13 मई, 2023 की नेशनल लोक अदालत हेतु जिले में कुल 28 न्यायिक खण्डपीठों का गठन किया गया है, कार्यक्रम के शुभारंभ के पश्चात नेशनल लोक अदालत की कार्यवाही गठित खंडपीठों में शाम तक चली, जिसमें राजीनामे के माध्यम से प्रकरणों का निराकरण किया गया।
         उक्त लोक अदालत में 2944 कोर्ट में लंबित मामले निराकरण के लिए रखे गए थे जिसमें से कुल 749 प्रकरणों का निराकरण किया गया, जिसमें कुल 7,70,82,034/-का अवार्ड पारित किया गया। इसी प्रकार कुल 4909 प्रीलिटिगेशन रखे प्रकरण में से 571 प्रकरणों का निराकरण किया गया जिसमें 13,49,468/- राशि की वसूली की गई। मोटर दुर्घटना क्षतिपूर्ति दावा प्रकरण 71 निराकृत किए गए, जिसमें कुल राशि 3,87,39,100/- का अवार्ड पारित किया गया। इस लोक अदालत में धारा 138 के अंतर्गत चैक वाउंस के 288 प्रकरण निराकृत किए गए जिसमें कुल राशि रू. 2,29,67,120/- का अवार्ड पारित किया गया।
नेशनल लोक अदालत में कुछ विशेष मामलों का भी निराकरण हुआ :-
*दुर्घटना के एक मामलें में 60 लाख का अवार्ड पारित किया गया।*
       दुर्घटना के एक मामलें में मृतक के परिजन द्वारा न्यायालय- मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण में क्लेम हेतु बीमा कंपनी के विरूद्ध मामला संस्थित किया गया। उक्त मामले को इस लोक अदालत के संज्ञान में लाये जाने पर माननीय प्रधान जिला न्यायाधीश श्री अजीत सिंह के मार्गदर्शन में लोक अदालत में दी गई समझाईश पर बीमा कंपनी युनिवर्सल सोम्पों जनरल इंश्योरेंस द्वारा मृतक के परिजनों को 60 लाख की मुआवजा राशि दिये जाने पर सहमत हुई। प्रकरण में बीमा कंपनी के अधिवक्ता श्री शैलेन्द्र अग्रवाल एवं पीड़ित के अधिवक्ता श्री संजय राठौर द्वारा उक्त प्रकरण के लोक अदालत में निराकृत होने में सहयोग प्रदान किया गया। उक्त मामला कुछ समय पूर्व ही न्यायालय में दर्ज हुआ था, दुर्घटना में हुई मृत्यु पर मृतक के परिजनों को लोक अदालत के माध्यम से त्वरित न्याय की प्राप्ति संभव हुई।
*पारिवारिक विवादों का हुआ समाधान*
        नेशनल लोक अदालत के माध्यम से 45 पारिवारिक विवादों का समाधानप्रद निराकरण भी हुआ है। न्यायालयों में लंबित पति-पत्नी एवं अन्य पारिवारिक विवादों के मामलों का निराकरण लोक अदालत में दी गई समझाईश एवं सोहार्दपूर्ण वातावरण में सुलह के किये गये सार्थक प्रयासों से संभव हुआ।