प्रदेश

दस्तक बाल समूह ने मनाया लाल हांथ दिवस, शस्त्र संघर्षो में बच्चों की भर्ती का किया गया विरोध

दीपक शर्मा

पन्ना १२ फरवरी ;अभी तक; विकास संवाद पन्ना द्वारा रेड हेंड डे मनाया गया यह दिवस बच्चो कि सुरक्षा और सम्पूर्ण विकास के लिए जरुरी है जिससे उनको शिक्षा के अवसर के साथ साथ उनके स्वास्थ्य को भी ध्यान में रखा जा सके। सेना में भर्ती जोखिम और खतरों के काम में बच्चो को लगाए जाने के विरोध में पूरे विश्व में विरोध स्वरूप 12 फरवरी को रेड हेंड डे मनाया जाता है।

कहने को तो आज हम अपने आपको अभी तक के मानव इतिहास का सबसे सभ्य और विकसित समाज मानते है। लेकिन दुनिया के एक बड़े हिस्से में हम अक्सर मानवता को शर्मसार कर देने वाली एसी छवियाँ देखते है। जिसमे बच्चे अपने मासूम हांथो में बंदूक मशीनगन बम जैसे विनासक हथियार को उठाए हुए बड़ो कि लडाईया को अंजाम दे रहे है। बिश्व के कई देशो में चल रहे आंतरिक उग्रवाद हिंसक आन्दोलन आतंकवाद गतिविधियों में बड़े पैमाने पर बच्चो का इस्तेमाल किया जा रहा है इनमे से ज्यादातर को जबरदस्ती लड़ाई में झोंका जाता है। इस खूनी खेल में बच्चो को एक मोहरे के तौर पर शामिल किया जाता है जिससे इस तरह के संगठन अपने कारनामो को आसानी से अंजाम दे सके। दूसरा मकसद शायद आने वाली पीढ़ी को अपने लक्ष्य के लिए तैयार भी होता है।

एक अनुमान के मुताविक आज पूरी दुनिया में लगभग 250000 बच्चो का इस्तेमाल विभिन्य शसत्र संघर्षो में हो रहा है। इन तमाम गतिविधियों मे शामिल बच्चो को बचाने के लिए यह दिवस पूरे विश्व मे मनाया जाता है।

Related Articles

Back to top button