दवा विक्रेता अपनी दुकान संस्थानों पर सी.सी.टी.वी. कैमरे  लगवाए – कलेक्टर श्री यादव

महावीर अग्रवाल
मंदसौर 8 नवम्बर ;अभी तक;  भारत सरकार के राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के साथ नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, शिक्षा मंत्रालय और हितकारक अर्थात राष्ट्रीय औषधि निर्भरता उपचार केन्द्र एम्स, सैनिक स्कूल रक्षा मंत्रालय, एनसीसी और सीडीएससीओ स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय ने संयुक्त रूप से बच्चों में नशीली दवाओं, मादक द्रव्यों के सेवन और अवैध तस्करी की रोकथाम हेतु “एक युद्ध, नशे के विरूद्ध” कार्य-योजना विकसित की गई है, जिससे बच्चों/किशोरों के बीच नशीली दवाओं के सेवन की रोकथाम की दिशा में आदर्श बदलाव लाया जा सके।
                                        कलेक्टर श्री दिलीप कुमार यादव द्वारा आदेश जारी किया कि औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 एवं नियमावली 1945 के अंतर्गत मेडिकल स्टोर्स/ फार्मेसी जो कि शेड्यूल Hi एवं X की दवाओं का विक्रय कर रहे है। उन्हें अपनी दुकान संस्थान परिसर में सी.सी.टी.वी. कैमरे आवश्यक रूप से स्थापित किए जाने के निर्देश है। उक्त दुकान संस्थानों पर स्थापित सी.सी.टी.वी. कैमरों का किसी भी समय District Drugs Controller Authority / C.W.P.O (Child welfare police officer of special Juvenile police unit) द्वारा निरीक्षण/ जांच की जा सकती हैं।
दवाओं के विक्रेता अपनी दुकान संस्थानों पर सी.सी.टी.वी. कैमरे ऐसे स्थानों पर स्थापित करवायें l जिससे संबंधित अधिकारियों की पहुंच इन कैमरों तक सुगमता से बनी रहे। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जायें कि किसी भी स्थिति में बच्चों एवं किशोरों को रजिस्टर्ड मेडिकल प्रेक्टिशनर के प्रिस्क्रीप्शन के बिना शेड्यूल H-1 एवं X की दवाओं का विक्रय नहीं किया जावे, ताकि बच्चों/ किशोरों में नशीली एवं लत लगाने वाली औषधियों के दुरूपयोग को रोका जा सकें।
यह आदेश सर्वसाधारण को सम्बोधित है और चूंकि इसकी तामिली प्रत्येक व्यक्ति पर सम्यकरूपेण करना और उसकी सुनवाई करना संभव नहीं है। अतः दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 133 के तहत यह आदेश एकपक्षीय रूप से पारित किया जाता है।