निपुण लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए कार्य करें- डीपीसी श्री राठौड़
महावीर अग्रवाल
मन्दसौर एक जुलाई ;अभी तक; “वर्तमान परिस्थिति में शिक्षा का स्वरूप काफ़ी बदल गया है, एवं ज़माने की रफ़्तार से चलने के लिए आवश्यक दक्षताओं को ध्यान में रखते हुए कार्य करने की आवश्यकता है। निपुण भारत अभियान आने वाले समय और बच्चों की सीखने की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए देशभर में चलाया जा रहा है। नींव मज़बूत होने से ही भवन मज़बूत बनता है, इसी प्रकार पूर्व प्राथमिक एवं प्राथमिक कक्षाएँ शिक्षा की नींव है अतः इन्हें मज़बूत करने के लिए निपुण लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए कार्य करना होगा।”
यह बात ज़िला परियोजना समन्वयक श्री दिलीप सिंह राठौड़ ने ज़िला शिक्षा व प्रशिक्षण संस्थान, मंदसौर में आयोजित बुनियादी साक्षरता एवं सन्ख्याज्ञान कार्यशाला की समापन पर कही। कार्यशाला में फ़रवरी 2024 में ज़िले में हुए कक्षा 2 व 3 में हुए आकलन के परिणामों की चर्चा हुई जिसमें मंदसौर ज़िले के बेहतर प्रदर्शन वाले क्षेत्रों के साथ ही सुधारात्मक क्षेत्रों को पहचान कर उनके लिए रणनीति तैयार की गई।कार्यशाला के प्रथम दिवस की शुरुआत ज़िला परियोजना समन्वयक श्री राठौर ने की एवं सभी प्रतिभागियों को कार्यशाला के एजेंडा बिंदुओं से अवगत करवाया। तदोपरांत ज़िले के निपुण प्रोफेशनल श्री ईशान शर्मा ने मिशन अंकुर वार्षिक आकलन रिपोर्ट सत्र 2023-2024 की समीक्षा की एवं सभी प्रतिभागियों की साझा समझ बनायी गई। साथ ही जिले की सुधारात्मक दक्षताओं की पहचान कर शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए लक्ष्य निर्धारित किया गया। कार्यशाला के दूसरे दिवस आगामी कार्यायोजना के बिंदुओं पर चर्चा की गई। इनमें विद्यार्थियों की उपस्थिति, विद्यालय में शैक्षणिक सामग्री एवं टीएलएम का उपयोग, ज़िला व ब्लॉक स्तरीय मासिक समीक्षा बैठकों का आयोजन, अकादमिक टास्क फ़ोर्स के सदस्यों द्वारा विद्यालय स्तर पर कक्षा अवलोकन एवं फीडबैक आदि बिंदुओं पर प्रतिभागियों ने विस्तार से चर्चा की एवं विचार साझा किए। कार्यशाला में निपुण प्रोफेशनल, ज़िला प्रोग्रामर, बीआरसी एवं बीएसी एवं डिस्ट्रिक्ट कोर अकादमिक समूह के सदस्यों ने प्रतिभागिता की।