घर, दूकान की चिंता छोड़ों, परमात्मा से नाता जोड़ों- साध्वी श्री अर्हताश्रीजी

महावीर अग्रवाल 

मंदसौर १० अक्टूबर ;अभी तक;  अधिकांश लोग अपने जीवन में किसी पर भी विश्वास नहीं करते। उम्र होने पर भी दुकान को बेटों के हवाले नहीं करते। सास अपनी बहू को घर के काम में स्वतंत्रता नहीं देती है। माता-पिता व सास-ससुर का यह व्यवहार जब तक नहीं बदलेगा स्वयं उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव नहीं होगा। माता-पिता व सास-ससुर को चाहिये कि बेटा बहू को घर गृहस्थी के कार्य में स्वतंत्रता दे। पिता पुत्र को व्यापार-व्यवसाय सिखाये और दुकान संस्थान उन्हें सौंप दे।
                                   उक्त उद्गार परम पूज्य जैन साध्वी श्री अर्हताश्रीजी म.सा. आदि ठाणा 4 ने रूपचांद आराधना भवन चौधरी कॉलोनी में कहे। आपने मंगलवार को यहां धर्मसभा में कहा कि रामायण, महाभारत या जितने भी धार्मिक गं्रथ पड़ों उससे मालूम पड़ेगा कि पूर्व समय में माता-पिता, सास-ससुर अपनी जिम्मेदारियों को बेटा बहू को सौंप देते थे। पिता के सिर पर श्वेत बाल आने पर राजगद्दी पर पुत्र को बिठा दिया जाता था। लेकिन आजकल माता,पिता, सास, ससुर में इतना विवेका नहीं है आपने कहा कि जब बेटा बहु घर दुकान संभालने लायक हो जाये तो घर दुकान की चिंता छोड़ों और परमात्मा से नाता जोड़ने का विचार करो इसी में आपका हित है।
                                       श्री डांगी का हुआ स्वागत- रूपचांद आराधना भवन श्रीसंघ अध्यक्ष दिलीप डांगी को उन्हेल स्थित श्री नागेश्वर मंदिर ट्रस्ट में ट्रस्टीके रूप में मनोनीत किया गया है। उनके ट्रस्टी बनने पर श्रीसंघ से जुड़े पदाधिकारियों ने उनका शाल श्रीफल भेंटकर म्मान किया। श्री डांगी ने इस मौके पर सभी का आभार माना। इस अवसर पर विकरात भाई सूरत जिन्होंने स्वद्रव्य से मंदिर निर्माण कराया है। उनका भी सम्मान हुआ।