हरदा में हुए फटाका फैक्ट्री में विस्फोट के बाद प्रशासन ने फटाका दुकानों की जाँच की

आनंद ताम्रकार
बालाघाट ७ फरवरी ;अभी तक;  हरदा में हुए फटाका फैक्ट्री में विस्फोट में पुरे प्रदेश ही नही देश को दहला कर रख दिया है। इस घटना के बाद पुरे प्रदेश में फटाका बिक्री और भंडारण की गहन छानबीन के आदेश सरकार द्वारा दिये जाने के बाद बालाघाट जिले में भी प्रशासन की अलर्टनेंस देखी जा रही है।
                 कल मंगलवार को प्रशासन की ओर से फटाका बिक्री करने वाली दुकानों का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान इस बात की तसदीक की जा रही है की विस्फोटक पदार्थो की बिक्री नियमों और शर्तों के अनुसार की जा रही है अथवा नहीं और दुकानदारों के द्वारा उनका कितना पालन किया जा रहा है।
फटाकों का विक्रय लाइसेंस में दर्शित स्थल पर किया जा रहा अथवा नही।
                 इस घटना ने बालाघाट जिले में पिछले 5 वर्ष पूर्व हुये खैरी की फटाका फैक्टी हुये विस्फोट में जिसमें 27 महिला पूरूषों की जान चले गई थी उसकी यादें ताज कर दी।
                             जिला मुख्यालय सहित बालाघाट बैहर वारासिवनी लांजी परसवाड़ा और कटंगी में भी एसडीएम और एसडीओपी द्वारा संयुक्त रूप से अपने अनुविभागीय क्षेत्र में विस्फोटक सामग्री के विक्रय और भण्डारन की स्थलों की सघन जांच की जा रही है।
                          यह उल्लेखनीय है की बालाघाट जिला नक्सल प्रभावित जिला है जिसके कारण विस्फोटक पदार्थो और फटाकों की आवाजाही की कड़ी चौकसी किये जाने के अधिकारिक तौर पर निर्देश दिये जाने के बाद इन पर महज कागजी अमल किया जा रहा है।
                         जिले में किराना और अनाज दुकानों में खुलेआम फटाकों का विक्रय बिना लाइसेंस के किया जा रहा है इस बात की पुष्टि कल कामिनी ठाकूर एसडीएम एवं अभिषेक चौधरी एसडीओपी वारासिवनी द्वारा नगर के मुख्य मार्ग किराना और अनाज की दुकान में फटाकों का स्टाक पाया गया लेकिन विक्रेता के पास कोई लाइसेंस नही था अत उसके विरूद्ध फटाकों की अवैध बिक्री किये जाने के सबंध में मामला कायम किया गया है।
                          अनुविभागीय अधिकारी ने बताया की उनके वारासिवनी अनुविभाग में लगभग 60 फटाका विक्रेता है जिन्हें केवल दीपावली अवसर पर मात्र 15 दिनों के लिये अस्थाई लाइसेंस दिये जाते है लेकिन वास्तविकता यह है की पूरे जिले में साल भर फटाके खुलेआम दुकानदारों द्वारा बेचे  जाते है जिनके पास आवश्यक स्थाई अनुमति नही ली जाती।
इतना ही नहीं इन दुकानों में विस्फोटक पदार्थों से होने वाली दुर्घटनाओं पर काबू पाने के लिए जो आवश्यक सुरक्षा प्रबंध निर्धारित है उनका भी परिपालन नही किया जा रहा है।
तमाम दुकानें रिहायशी इलाकों में खुलेआम लगाई जा रही है।
अनुविभागीय अधिकारी वारासिवनी द्वारा उनके क्षेत्राधिकारी के फटाका विक्रेताओं को नोटिस जारी कर यह जानकारी मांगी गई है की दीपावली में कितनी मात्रा फटाकों की लाई गई उनके बिल,कितनी बिक्री की गई तथा शेष फटाकों की मात्रा का भण्डारन कहा किया गया है इसकी जानकारी 7 दिवस के अंदर देने  के निर्देश दिये गये है।
यह भी उल्लेखनीय है की जिले के कटंगी अनुविभाग के खरपडिया गांव में स्थित फटाका फैक्ट्री है जहां फटाकों का निर्माण किया जाता है लेकिन उस फैक्ट्री का नियमित निरीक्षण नही किया जाता इस फैक्ट्री मे विगत दिनों जीएसटी की टीम ने छापा मारा था जिसमें यह तथ्य उजागर हुआ था की लगभग 2 करोड़ रुपये के फटाकों का उत्पादन हुआ लेकिन फटाकों की बिक्री किसे की गई इस संबंध में फैक्ट्री मालिक द्वारा कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किये गये।
जिले के हालात प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही को इंगित कर रहे है कहीं हरदा जैसी वारदात इन विसंगतियों के चलते बालाघाट जिले में ना हो जाये।