हत्या करने वाले आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा

महावीर अग्रवाल

मंदसौर २३ जून ;अभी तक;  पंचम अपर सत्र न्यायाधीष महोदय मंदसौर द्वारा आरोपीगण 01) शीतल यति पिता सुरेषचंद्र यति उम्र 34 साल 02) आदेष्वर उर्फ आदेष पिता मांगीलाल यति उम्र 36 साल नि0ग्रा0 नगरी थाना भावगढ जिला मंदसौर को हत्या करने का दोषी पाते हुए आजीवन कारावास व अर्थदण्ड से दण्डित किया।
अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी दीपक जमरा द्वारा बताया कि घटना दिनांक 31.05.2015 की रात्रि में फरियादी महेष अपनी दुकान पर बैठा था उसके साथ उसका दोस्त रितेष भी था वह लोग बातें कर रहे थे तभी रितेष के मोबाईल पर फोन आया था और रितेष ने उसे बताया कि आदेष्वर यति का फोन आया है और उसने घर पर बुलाया है फिर फरियादी महेष और रितेष मोटरसाईकिल से आदेष्वर यति के घर गये थे वहां आदेष्वर एवं उसके पिता मांगीलाल घर के बाहर मिले थे दोनों ने घर के अंदर चलकर बात करने के लिए कहा तो वह दोनों घर के अंदर गये थे और वहां गलियारे में रेत के ढेर पर बैठ गये थे तब तक वहां आरोपी शीतल, रवि, सुरेष यति, पिंटू टेलर भी आ गये थे, सभी इकट्ठे हो गये थे। शीतल ने रितेष से कहा था कि तू मान नही रहा है तू मेरी बहन को फोन लगाता है, तू ऐसे नही मानेगा, ऐसा कहकर शीतल रितेष उर्फ बबलू को गालियां देने लगा तो रितेष ने उनसे कहा कि अपनी बहन से पूछ लो कि मैं फोन लगाता हूं या नहीं इतने में ताव में आकर आरोपी आदेष्वर ने बबलू उर्फ रितेष की छाती पर मुक्का मारा था, रितेष एकदम उठा तो आरोपी आदेष्वर, मांगीलाल, रवि, सुरेष व पिंटू ने उसे पकड लिया था व शीतल ने रेत के पास पडी पत्थर की पटटी उठाकर रितेष के सिर पर मार दी थी जिससे रितेष के सिर से खून निकलने लगा था और वह बेहोष होकर गिर गया था फिर आदेष व उसके परिवार वालों ने रितेष को बेहोषी की हालत में घसीटकर दरवाजे पर लाकर डल दिया था और रितेष की मां चम्पाबाई को बुलाया था, सभी ने चम्पाबाई से कहा था कि रितेष गिर गया है और उसे गिरने से चोट आई है वह डर के कारण चुप रहा था। आदेष्वर ही दिनेष ठन्ना की तूफान गाडी लेकर आया था फिर वह चम्पाबाई, कमल सेन एवं कमल की मम्मी रितेष को बेहोषी की हालत में गाडी में डालकर मंदसौर अस्पताल लेकर आये थे जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। फरियादी की रिपोर्ट पर से थाना भावगढ पर अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना मे लिया गया। प्रकरण में संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में पेष किया गया।

प्रकरण में अभियोजन का सफल संचालन अपर लोक अभियोजक भगवतीलाल शर्मा द्वारा किया गया।