प्रदेश
जिले में कुल 56 सहकारी एवं निजी फर्म से यूरिया वितरीत किया जा रहा
महावीर अग्रवाल
मन्दसौर 7 नवंबर ;अभी तक; उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला मन्दसौर द्वारा बताया गया की, जिले में दो रैक से प्राप्त यूरिया आज सुचारू रूप से वितरण हुआ। मन्दसौर जिला में कुल 56 सहकारी एवं निजी फर्म से यूरिया वितरीत किया गया। इसमें से जिला विपणन के 5 केन्द्र, मार्केटिंग सोसायटी के 8 एम.पी. एग्रो के 02 और निजी के 41 केन्द्र से यूरिया का वितरण किया गया। समस्त केन्द्रों पर आये सभी किसान भाईयों को यूरिया उपलब्ध हो गया है।
किसान भाईयों से अपील है कि बोनी के समय यूरिया उर्वरक का उपयोग नहीं करें, क्योंकि यूरिया पानी में तुरन्त घुल जाता है और पानी के साथ-साथ जमीन के नीचे चला जाता है। इससे पौधा यूरिया में उपलब्ध नत्रजन को नहीं ले पाता है। बोनी के समय यूरिया देने से सौ प्रतिशत नुकसान होता है। इसलिये बोनी के समय डी.ए.पी., 12:32:16 या 19:19:0 उर्वरक देते है। बोनी के समय यूरिया नहीं देना वैज्ञानिकों की अनुशंसा भी है।
कृषि वैज्ञानिकों की अनुशंसा अनुसार बोनी के पश्चात 21 दिन बाद प्रथम सिचाई एवं 42 दिन बाद द्वितीय सिंचाई पर ही यूरिया का छिड़काव करना चाहिये। प्रथम सिंचाई के समय 25-30 किलो नत्रजन और द्वितीय सिंचाई के समय 25-30 किलो नत्रजन देना अनुसंशित हैं। 4 बीघा गेंहू में प्रथम सिंचाई के समय 2 बैग यूरिया और द्वितीय सिंचाई के समय 2 बैग यूरिया का छिड़काव करना पर्याप्त होता है। दोनो सिंचाई में कुल 4 बैग डालने के बाद यूरिया डालने से उपज में कोई फायदा नहीं होता है।
किसान भाईयों से निवेदन है कि प्रति सिंचाई के हिसाब से 4 बीघा या 1 हेक्टेयर में 2 बैग यूरिया का उपयोग करें। अनावश्यक यूरिया का भण्डारण नहीं करें। आगामी समय में और रैंक आने वाली है और यूरिया सुलभता से उपलब्ध रहेगा।