भरवेली खदान में चट्टान गिरने से 2 मजदूरों की मौत
आनंद ताम्रकार
बालाघाट १० अगस्त ;अभी तक ; बालाघाट जिले में स्थित एशिया की सबसे बड़ी मैगनीज माईंस मैगनीज ओर इंडिया लिमिटेड (मॉयल) की भरवेली खदान में अडरग्राउण्ड के 13वें लेबिल में ड्रिलिंग का काम कर रहे 2 मजदूरों की चट्टान गिरने से चोटिल होने के बाद घटनास्थल पर मृत्यु हो गई। 9 अगस्त की रात मजदूर जब ड्रिलींग का काम कर रहे थे तभी पत्थर गिरने लगे और उसमें दबकर उनकी मृत्यु हो गई। मृतकों में कटंगी निवासी हाल मुकाम हीरापुर भरवेली निवासी खिलेश उइके और बालाघाट निवासी मंजर अली शामिल है।
दोनों ही श्रमिक ठेका श्रमिक थे जो श्री गणेश इंटरप्राइजेज और ए के इंटरप्राइजेज प्राइवेट कंपनी में काम कर रहे थे जो 9 अगस्त की शाम 4 बजे से रात 12 बजे वाली रात्रिकालीन शिफ्ट में काम करने गए हुए थे इसी बीच लगभग 10 से 11 बजे की रात्रि में सूचना मिली की अडरग्राउण्ड खदान के 13.5 लेबिल में खदान धसकने के कारण यह हादसा घटित हो गया। देर रात 12 बजे तक मजदूरों का शव निकाला गया और शव को जिला चिकित्सालय भिजवाया गया।
सूचना मिलने पर मजदूर खिलेश के परिजन थाना पहुंचे और उन्होने इस घटना के लिये मॉयल मैनेजर और खदान मैनेजर की लापरवाही बताया है। उन्होंने इन दोनों पर मामला दर्ज किये जाने की मांग की है।
खदान ठेका श्रमिक संगठन के महामंत्री रवि कुमार शिववंशी ने अवगत कराया कि जिस 13.5 लेबल खदान में यह हादसा हुआ है उसे डीजीएमएस ने सुरक्षा की दृष्टि से बंद करवा दिया था लेकिन उस खदान को उत्पादन के लिये पून चालू किया गया इतना ही नही खदान में कुशल श्रमिकों को भेजने की बजाय अकुशल श्रमिकों को भेजा गया जिसके कारण यह घटना घटित हुई है।
जिला अस्पताल पहुंचे पूर्व सांसद कंकर मुंजारे ने इस हादसे के लिये मायल प्रबंधन को दोषी ठहराते हुए मृतकों के परिवारजनों को 1-1 करोड़ रुपये का मुआवजा और उनके आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति दिये जाने की मांग की है।