लोकसभा क्षेत्र _खजुराहो _ ३ फीसदी मत पाने वाली सपा लड़ेगी चुनाव २५ फीसदी वाले बैठेंगे घर
रवीन्द्र व्यास
मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड की खजुराहो लोकसभा सीट पर अब कांग्रेस हताश और निराश हो चुकी है | लगातार हार से हताश होकर कांग्रेस ने इस सीट को सपा को दे दी है | कांग्रेस और सपा के बीच हुए गठबंधन के चलते इस सीट पर इस बार सपा अपना प्रत्याशी उतारेगी | ये अलग बात है कि परिसीमन के बाद बदले समीकरणों में समाजवादी पार्टी को यहाँ से पिछले तीन चुनाव में मात्र २. ३४ फीसदी वोट ही मिले | यहां से कांग्रेस हारती जरूर रही पर कांग्रेस ने 2019 के लोकसभा चुनाव में २५. 33 फीसदी मत हासिल किये थे | ऐसे में कांग्रेस का यह निर्णय पार्टी कार्यकर्ता ही आत्मघाती मानते हैं | गठबंधन के नाम पर हुए हुए इस बेतुके निर्णय से कांग्रेस का एक बड़ा खेमा बगावत कर सकता है |
वर्तमान में यहां से बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वी.डी. शर्मा सांसद हैं , मुरैना जिले के रहने वाले शर्मा जी को बीजेपी ने २०१९ में यहां से प्रत्याशी बनाया था | बीजेपी के वी.डी. शर्मा यहां से ४३२३८२ मतों से जीते थे | उन्हें ८१११३५ (64. ४६ %) मत मिले थे जबकि उनकी निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस की महारानी कविता सिंह को ३१८७५३ (२५. ३३ % ) मत मिले थे | कांग्रेस ने जिस समझौते के तहत यह सीट सपा को दी है उसे 3. १८ फीसदी मत से संतोष करना पड़ा था |2023 के विधान सभा चुनाव में भी बीजेपी ने इस संसदीय सीट की सभी ८ विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की है | 2018 के विधानसभा चुनाव में भी इस संसदीय क्षेत्र की मात्र दो सीटों पर कांग्रेस जीती थी | बीजेपी के इस सुरक्षित गढ़ को तोड़ना गठबंधन दलों के लिये आसान नहीं होगा |
बीजेपी की तैयारी हर दल पर भारी :
हर दिन चुनावी मोड में रहने वाली भारतीय जनता पार्टी की चुनावी तैयारियों को लेकर भी अन्य दलों पर भारी है | पार्टी की आंतरिक रणनीति के साथ कार्यकर्ताओं को जोड़ना , उनको समाज से जोड़ना एक बड़ा अभियान है, जिसमे बीजेपी आगे है | जब अन्य दल गठबंधन का खाका तैयार कर रहे थे ऐसे समय में बीजेपी के नेता और गृह मंत्री अमित शाह रविवार को खजुराहो में बूथ कार्यकर्ता सम्मलेन कर रहे थे |
अमित शाह ने बीजेपी कार्यकर्ताओं से अपने को जोड़ते हुए कहा यहां पर में सेक्टर के 23000 बूथ कार्यकर्ताओं से बातचीत करने के लिए आया हूं | विजय का संकल्प लेने का यह सम्मलेन १८ वी लोकसभा में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ४०० से ज्यादा सीटों के साथ सरकार बनाने के संकल्प का सम्मलेन है | उन्होंने बीते दस वर्षों में प्रधान मंत्री मोदी द्वारा किये गए ऐतिहासिक कार्यों को भी बताया | उन्होंने दावा किया कि पिछले दस साल में हमने हर वादा पूरा किया है | अयोध्या में राम मंदिर _-22 जनवरी 2024 , इतिहास में एक दिन बन गया जब रामलला ,५०० साल के बाद अपने भव्य मंदिर विराजमान हुए हैं | भारतीय जनता पार्टी जो कहती हैं वह करती है , हमने कहा था कि धारा 370 को हम हटा कर रहेंगे ,इस देश के अंदर दो निशान दो विधानं दो प्रधान नहीं रह सकते हम सब भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं का ना रा था जहां हुए बलिदान मुखर्जी वह कश्मीर हमारा है | मोदी जी के नेतृत्व में वह ऐतिहासिक दिन भी आ गया ,५ अगस्त २०१९ को मोदी जी ने 370 को समाप्त कर दिया |
साथ ही मध्य प्रदेश की जनता से बीजेपी के जुड़ाव की बात करते गए उन्होंने कहा ये मध्य प्रदेश तो राजमाता विजयाराजे सिंधिया और कुशाभाऊ ठाकरे की भूमि है यह हमारे संगठन की भूमि है यह भारतीय जनता पार्टी के कमल की भूमि है | इस बार अध्यक्ष जी(वी.डी. शर्मा ) विजय की भूख को मंद मत करिए इस बार सभी बूथों पर कमल खिलाने का संकल्प लेकर जाना है |
अमित शाह यही नहीं रुके उन्होंने कार्यकर्ताओं को याद दिलाया कि भारतीय जनता पार्टी ने एक बीमारू मध्य प्रदेश को विकसित राज्य में कन्वर्ट करने का प्रयास किया है| आने वाला चुनाव भारत को महान बनाने का चुनाव है , भारत को महाशक्ति बनाने का चुनाव है , आने वाला चुनाव भारत को दुनिया में तीसरे नंबर के अर्थ व्यवस्था बनाने का चुनाव है | इस चुनाव में आज मध्य प्रदेश की जनता के सामने यह निवेदन लेकर आया हूं और अपील करता हूं 29 की 29 सीटों के कमल नरेंद्र मोदी की झोली में डाल दीजिए हम मध्य प्रदेश और भारत को पूर्ण विकसित राज्य बनाएंगे | बूथ का कार्यकर्ता हर- लाभार्थी ,युवा , माता बहन ,हर किसान से संपर्क करे | बूथ का कार्यक्रम बूथ पर नरेंद्र मोदी बनकर खड़ा रहे हैं और भारतीय जनता पार्टी के परचम को फहराए |
पिछले दस साल के अंदर हमने हर वादा पूरा किया है | हमने कहा था कि अयोध्या में राम मंदिर बनाएंगे राहुल बाबा 19 में मेरी मजाक उड़ाता था मैं पार्टी का अध्यक्ष था , मुझे ताने लगाता था मंदिर वहीँ बनाएंगे तिथि नहीं बताएँगे | राहुल बाबा 22 जनवरी 2024 , 10 साल के इतिहास में एक दिन बन गया जब रामलला ,५०० साल के बाद अपने भव्य मंदिर विराजमान हुए हैं | कांग्रेस ने अयोध्या के मंदिर के मुद्दे को लटका कर रखा ,भटका कर रखा | मोदी जी ने भूमि पूजन भी करोड़ों राम भक्तों की इच्छा को पूरा करने का काम किया | भारतीय जनता पार्टी जो कहती हैं वह करती है , हमने ककहा था कि धारा 370 को हम हटा कर रहेंगे ,इस देश के अंदर दो निशान दो विधानं दो प्रधान नहीं रह सकते हम सब भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं का ना रा था जहां हुए बलिदान मुखर्जी वह कश्मीर हमारा है | मोदी जी के नेतृत्व में वह ऐतिहासिक दिन भी आ गया ,५ अगस्त २०१९ को मोदी जी ने 370 को समाप्त कर दिया
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने बूथ कार्यकर्ताओं को बताया कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी ने झाबुआ के सभा में कहा था 370 वोट प्रत्येक बूथ पर बढ़ाने हैं , यह एक जड़ी बूटी हमें दी थी |
खजुराहो लोकसभा क्षेत्र बदलते सियासी समीकरणों का क्षेत्र :
खजुराहो लोकसभा क्षेत्र वास्तविक रूप से 1957 में अस्तित्व में आया | 195१ में यह क्षेत्र छतरपुर टीकमगढ़ और दतिया को मिलाकर एक लोक सभा क्षेत्र था | १९५1 में और १९५७ में यहां से कांग्रेस के पं राम सहाय तिवारी सामान्य प्रत्यासी के तौर पर जबकि मोतीलाल मालवीय (अजा ) के प्रत्यासी के टूर पर चुनाव जीते | १९६२ में सुरक्षित और सामान्य वर्ग के लिए अलग अलग लोकसभा क्षेत्र बन गए | टीकमगढ़ (सु) लोकसभा क्षेत्र पीएसपी के कूरे माते सांसद चुने गए | जबकि खजुराहो से राम सहाय तिवारी चुने गए | १९६७ में टीकमगढ़ से नाथूराम अहिरवार चुने गए जबकि खजुराहो लोकसभा सीट का नाम छतरपुर सतना लोकसभा क्षेत्र हो गया | कांग्रेस के देवेंद्र विजय सिंह चुने गए | 1971 में टीकमगढ़ से नाथूराम बामोरा चुनाव जीते , जबकि खजुराहो लोकसभा सीट का नाम फिर से बदल कर सतना हो गया और जनसंघ ने पहली बार अपना खाता खोला , पन्ना राज परिवार के नरेंद्र सिंह चुने गए |
1977 के लोकसभा चुनाव में परिसीमन के बाद इसे खजुराहो लोकसभा क्षेत्र के नाम से फिर एक बार पहचान मिली | जिसमे टीकमगढ़ की चारों विधानसभा क्षेत्रो के साथ छतरपुर जिले की चार विधानसभा क्षेत्रों को जोड़ा गया | ये चुनाव आपात काल के बाद के चुनाव थे , देश की राजनीति में एक बड़े परिवर्तन का सूत्रपात हुआ था | इस चुनाव में बीएलडी के लक्ष्मी नारायण नायक प्रचंड मतों से चुनाव जीते | उन्हें ७४. ७० फीसदी ,और कांग्रेस के शिव नारायण खरे को २५. ३० फीसदी मत मिले | 1977 से अब तक हुए १२ लोकसभा चुनाव में सिर्फ तीन चुनाव कांग्रेस जीती १९८० और १९८४ में श्रीमती विद्यावती चतुर्वेदी ,और १९९९ में श्रीमती चतुर्वेदी के पुत्र सत्यव्रत चतुर्वेदी चुनाव जीते | १९८४ से १९९८ के १४ वर्षों में पांच लोकसभा चुनाव हुए , १९८४ की हार के बाद बीजेपी की उमा भारती १९८९,१९९१,१९९६,और १९९८ का चुनाव जीती | २००४ में यहां से बीजेपी के डॉ रामकृष्ण कुसमरिया चुनाव जीते |
२००८ में परिसीमन के बाद एक बार फिर खजुराहो लोकसभा क्षेत्र का भूगोल बदल गया | इसमें छतरपुर जिले की चंदला और राजनगर विधानसभा क्षेत्र , पन्ना जिले के पन्ना,पवई और गुनौर वा कटनी जिले की बहोरीबंद ,विजयराघवगढ़ ,और मुड़वारा विधान सभा क्षेत्र को इसमें जोड़ा गया | भूगोल बदलने से समीकरण भी बदले इस लोकसभा क्षेत्र की अधिकांश आबादी ग्रामीण क्षेत्र की हो गई | जातीय समीकरण भी बदल गए इस लोकसभा क्षेत्र में ब्राम्हण और पटेल मतदाता निर्णायक स्थिति में हो गए | उत्तर प्रदेश की सीमा से चंदला और पन्ना विधानसभा क्षेत्र के सटे होने कारण इस लोकसभा क्षेत्र में बसपा और सपा का भी असर देखने को मिला | पर बीजेपी के समीकरण यहाँ पहले जैसे ही मजबूत रहे | परिसीमन के बाद 2009 में हुए चुनाव में बीजेपी के जीतेन्द्र सिंह बुंदेला ने 28332 मतों से कांग्रेस के राजा पटेरिया को हराया था | 2014 में बीजेपी के नागेंद्र सिंह ने यह चुनाव 247490 मतों से कांग्रेस के राजा पटेरिया को हराया था | २०१९ में यहां से बीजेपी ने मुरैना के वी.डी. शर्मा को प्रत्याशी बनाया था | बीजेपी के वी.डी. शर्मा यहां से ४३२३८२ मतों से ऐतिहासिक जीत दर्ज कराई थी | उन्हें ८१११३५ (64. ४६ %) मत मिले थे जबकि उनकी निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस की महारानी कविता सिंह को ३१८७५३ (२५. ३३ % ) मत मिले थे | बाद में पार्टी ने वी.डी. शर्मा को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया |
यह पहला अवसर था जब बीजेपी ने खजुराहो और बुंदेलखंड(एम् पी) में किसी ब्राह्मण को लोकसभा सीट के लिए प्रत्यासी बनाया था | बी डी शर्मा बीजेपी के प्रदेश महामंत्री को खजुराहो से चुनाव लड़वाने के पीछे की भी एक अलग कहानी बताई जाती है | सियासत के जानकार कहते है कि शर्मा जी विदिशा से चुनाव लड़ना चाहते थे , किन्तु शिवराज सिंह चौहान से अनबन के कारण उन्हें विदिशा से नहीं लड़ाया जा सका था |
सामाजिक ताना बाना
तीन जिलों में फैला खजुराहो लोकसभा क्षेत्र ऐसा है जिसका अधिकाँश क्षेत्र बुंदेलखंड का है पर इसकी सीमाएं ,विंध्य और महाकौशल से लगती हैं ,तो वहीँ पन्ना और चंदला विधानसभा क्षेत्र की सीमाएं उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड से लगती हैं | इस लोकसभा क्षेत्र में एशिया की इकलौती हीरा खदाने हैं , खजुराहो में विश्व धरोहर के मंदिर हैं , पर्यटन की अपूर्व संभावनाओं के इस क्षेत्र की उपेक्षा सतत जारी है |
चुनाव के पहले से इस सीट के सामाजिक ताने बाने को तोड़ने के जतन राजनैतिक दलों ने खूब किये हैं | इन सबके बावजूद इस लोकसभा क्षेत्र में सामाजिक समीकरणों को तोड़ा नहीं जा सका | क्षेत्र में ब्राह्मण पिछड़ा वर्ग , दलित वर्ग और आदिवासी मतदाता बीजेपी के प्रमुख सहयोगी माने जाते हैं |