रिमझिम गिरे सावन, सुलग-सुलग जाए मन…… के उनके गाये गीत गुनगुनाकर प्रशंसको ने अर्पित किये श्रद्धासुमन
मयंक शर्मा
खंडवा ४ अगस्त ;अभी तक; रिमझिम गिरे सावन, सुलग-सुलग जाए मन…1979 में आई फिल्म मंजिल का दिलकश गीत के याद रविवार को ताजा हो गयी जब रविवार (4 अगस्त) को … सावन की रिमझिम फुहारों के बीच किशोर दा की समाधि पर उनके प्रशंसक उसाह से जुटे।
निमाड के पूर्वी अंचल का जिला मुख्यालय खंडवा उनकी कर्म भूमि रही। 4 अगस्त का उनका जन्म दिन हैै, ।उनकी जन्मजयंती होने से दूरदराज से सैकड़ों प्रेमी उनकी समाधि पर जुटे। यहां सभी श्रद्धासुमन स्वरूप पुष्प अर्पित किए। इस दौरान रिमझिम बारिश होती रही, तो ऐसा लगा मानो इस मौसम में किशोर दा का मन फिर कह उठे किये ….भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन।
समाधि पर स्वरांजलि देने के लिए पाश्र्व गायक मिलन सिंह और श्रीजीत भी पहुंचे। दोनों ने मंच से किशोर कुमार के गीतों की प्रस्तुति दी। प्रदेश के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने भी समाधि पर पुष्प अर्पित करके उनके गाये गीत गुनगुनाया।ं कलेक्टर अनुपकूमार सिंह और एसपी मनोज कुमार राय ने भी प्रस्तुति दी। दूर-दूर से आए किशोर प्रेमियों ने मंच से एक से बढ़कर गीत प्रस्तुत किए। किशोर दा के जन्मदिन पर शहरभर में अलग अलग संस्थाओं द्वारा संगीतमय कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
किशोर दा की जन्म जयंती पर खंडवा में उनके चाहने वाले मुंबई, अकोला, गुजरात सहित मध्य प्रदेश के कई शहरों से प्रशंसक यहां पहुंचे। नगर निगम द्वारा समाधि को फूलों से सजाया गया। किशोर दा कहा करते थे- दूध, जलेबी खाएंगे और खंडवा में बस जाएंगे, इसलिए उनकी समाधि पर परपरानुसार आज दूध, जलेबी का भोग भी लगाया गया।