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डेढ़ वर्ष बाद जैसे ही मोबाइल फोन हुआ ऑन, तो मिला गया जेवरात से भरा पर्स
मोहम्मद सईद
शहडोल, 1 अगस्त अभी तक। लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व एक महिला का पर्स रास्ते में गिर गया था। इस पर्स में सोने के जेवरात के साथ ही एक मोबाइल फोन भी था। महिला ने इसकी शिकायत उसी वक्त पुलिस में दर्ज करा दी थी। लेकिन जब डेढ़ वर्ष बाद पुलिस ने इस महिला का जेवरात से भरा पर्स जब उसे वापस सौंपा तो वह भी अचंभित रह गई। पुलिस की सराहनीय कार्रवाई ने इस महिला के चेहरे पर मुस्कान ले आई।
घटना के संबंध में पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार सकीला बानो पति अफजल खान उम्र 30 वर्ष निवासी ग्राम धनपुरी थाना अमलाई थाना ने 26 दिसंबर 2022 को ब्यौहारी थाने में सूचना दी थी कि चुंगी नाका ब्यौहारी से अपने मायके ग्राम खैरा के लिये आटो मे बैठकर जाते समय मेरा एक लेडीज पर्स रास्ते में कहीं गिर गया है। इस पर्स में जिसमे सोने की मनचली, सोने की बेंदी, सोने का कान का झुमका, सोने का मंगलसूत्र, वीवो कम्पनी का मोबाईल एवं 3 हजार रुपए नगद रकम है।
ब्यौहारी पुलिस ने उक्त सूचना को गम्भीरता से लेते हुए तत्काल मोबाईल की सम्पूर्ण जानकारी साइबर सेल शहडोल भेजी गई। साइबर सेल इस फोन नंबर पर लगातार नजर बनाए था, लेकिन यह फोन लगातार स्विच्ड ऑफ था। करीब डेढ़ साल बाद यह गुम हुआ मोबाईल चालू हुआ तो साइबर सेल को इसकी लोकेशन ग्राम खैरा में मिली। साइबर सेल ने तत्काल इसकी जानकारी ब्यौहारी पुलिस को दी।
यह मोबाईल उपयोगकर्ता पुष्पा यादव पति रामभजन यादव निवासी ग्राम खैरा थाना पपौंध के पास ब्यौहारी पुलिस की एक टीम पहुंच गई और उसने जब पुष्पा यादव से पूछताछ की तो उसने बताया कि करीबन डेढ़ वर्ष पहले ग्राम जमोड़ी के आम रास्ते मे एक लेडीज पर्स गिरा हुआ मिला था तथा उस पर्स मे सोने की मनचली, सोने की बेंदी, सोने का कान का झुमका, सोने का मंगलसूत्र व वीवो कम्पनी का मोबाईल एवं 3 रुपए नगद रखा हुआ था। पुलिस ने पुष्पा यादव के पास से पर्स का सारा सामान बरामद कर लिया। इसके बाद पुलिस ने शकीला बानो को बुलाकर उसके गुम हुए सामान की पहचान कराई और उसके बाद पूरे सामान को उसके सुपुर्द कर दिया।
अपने जेवरात व नगद राशि वापस पा कर शकीला बानो और उसके परिजन अब बेहद प्रसन्न है। उसका कहना है, कि उसे यकीन ही नहीं हो रहा है की डेढ़ साल बाद पुलिस इस तरह उसके सामान को वापस दिला देगी।
इस उपलब्धि पूर्ण कार्यवाही में थाना प्रभारी ब्यौहारी निरीक्षक अरूण कुमार पाण्डेय के नेतृत्व में उपनिरीक्षक विजेन्द्र मिश्रा, कपिल कांत तिवारी, प्रधान आरक्षक नारेन्द्र उपाध्याय, ललिता पटेल, आरक्षक पुष्पेन्द्र सिंह, संजय द्विवेदी, अमृत यादव, गंगासागर गुप्ता और साइबर सेल के आरक्षक सत्यप्रकाश मिश्रा की महत्वपूर्ण भूमिका रही।