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घर में घुसकर अवयस्‍क बालिका के साथ छेडछाड करने वाले आरोपी को हुआ 04 वर्ष का सश्रम कारावास 

विधिक संवाददाता
     इंदौर १८ जुलाई ;अभी तक; जिला अभियोजन अधिकारी, संजीव श्रीवास्‍तव ने बताया कि आज दिनांक को माननीय न्‍यायालय – श्री हिदायत उल्‍ला खान, विशेष न्‍यायाधीश (पॉक्‍सो एक्‍ट) ,देपालपुर जिला इंदौर ने थाना बेटमा, जिला इंदौर के विशेष प्रकरण क्रमांक 19/2022 में निर्णय पारित करते हुए आरोपी फाजिल आयु 20 वर्ष, निवासी बेटमा जिला इंदौर को धारा 7/8 पॉक्‍सो एक्‍ट में 04 वर्ष का सश्रम कारावास एवं धारा 452 भा.दं.वि. में 3 वर्ष व धारा 354 भादवि में 1 वर्ष के सश्रम कारावास व कुल 3000/- रुपये के अर्थदण्‍ड से दण्डित किया गया।
                                 प्रकरण में जिला अभियोजन अधिकारी संजीव श्रीवास्‍तव के निर्देशन में अभियोजन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक श्री शिवनाथसिंह मावई द्वारा की गई।
                                     अभियोजन का मामला संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक 05.09.21 को पीडिता/फरियादी ने थाना बेटमा में उपस्थित होकर एक लेखीय शिकायत आवेदन देकर इस आशय की रिपोर्ट किया कि दिनांक 04.09.21 को दोपहर के 2 बजे वह अपने घर के पीछे तरफ किचन में मुंह धो रही थी, तभी पीछे से अचानक आरोपी फाजिल आया और उसकी कमर पकडकर उसके साथ छेडछाड करने लगा, वह घबराई, इतने में आरोपी ने उसका मुंह दबाकर बंद दिया और छेडछाड करने लगा। उसने ऐसा करने से मना किया, तो आरोपी ने उसे जान से मारने की धौंस दी एवं बोलने लगा कि मैं तेरे से शादी करना चाहता हूं, अगर तूने मेरे साथ शादी नहीं की, तो मैं तुझे व तेरे मंगेतर जिससे तेरी सगाई होने वाली है, उसे भी जान से खत्म कर दूंगा। आज उसकी सगाई होने वाली थी, लेकिन आरोपी ने उसके होने वाले मंगेतर के घर पर जाकर धमकी दी कि अगर तूने पीडिता से सगाई की, तो मैं तुझे व पीडिता को जान से खत्म कर दूंगा। आरोपी की धमकी से पीडिता की सगाई टूट गयी। घटना वाले दिन पीड़िता ज्यादा घबरा गयी थी. इसलिये उसने उक्त बात अपने परिजन को नहीं बतायी।
                                 सगाई टूटने पर उसने उक्त घटना के बारें में नाना, नानी व मामू को बतायी। पीडिता की रिपोर्ट पर से आरोपी के विरूद्ध थाना बेटमा के अपराध क्रं. 575/21 अंतर्गत धारा 354-क, 452 व 506 भा.द.स. तथा धारा 7/8 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के तहत् अपराध दर्ज किया गया। तत्पश्चात् विवेचना पूर्ण कर अभियोगपत्र माननीय न्‍यायालय के समक्ष प्रस्‍तुत किया । जिस पर से आरोपी को उक्‍त सजा सुनाई गई।

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