नक्सलियों ने मुखबिरी करने के संदेह में पूर्व सरपंच की गोली मारकर हत्या की

आनंद ताम्रकार

बालाघाट ३ नवंबर ;अभी तक; जिले में बैहर तथा लांजी क्षेत्र में नक्सलवादियों की मौजूदगी बनी हुई है और उनके द्वारा कुछ ना कुछ घटनाक्रम घटित किया जा रहा है। इसी तारतम्य में लांजी थाना के अंतर्गत भक्कू टोला गांव में बीती गुरुवार शुक्रवार की रात्रि में नक्सलियों ने मुखबिरी करने के संदेह में एक ग्रामीण शंकरलाल पंद्रे को जो पूर्व सरपंच भी रहा है को पुलिस का मुखबिर बताते हुये नक्सलियों ने गोली मारकर हत्या कर दी।  इस घटना की पुष्टि अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री विजय डाबर द्वारा की गई है।

                               पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नक्सलियों ने इस घटना को गांव के स्कूल के पास कारित की है। उन्होंने घटनास्थल के पास पर्चे भी फेंके है ऐन चुनाव के मध्य और मतदान से 15 दिन पहले इस घटना को अंजाम देकर अपने मंसूबे से अवगत करा दिया है। इस घटना के बाद पुलिस अलर्ट हो गई है और सर्चिंग अभियान तेज कर दिया गया है।

                               भक्कू टोला ग्राम पंचायत कोसमारा के अंतर्गत आता है जहां 4 सशस्त्र नक्सलियों ने जिसमें एक महिला भी शामिल बताई गई है ने पूर्व सरपंच की हत्या की।  इस संबंध में मृतक की पत्नी कासनबाई पंद्रे ने बताया की लगभग 10 बजे करीब घर का दरवाजा खटखटाया तो उसने 4 लोगों को खडे देखा उनमें से किसी एक ने मेरा पति का नाम पूछा और बाहर आने के लिये कहा चारों के पास बंदूक थी। उन्होने मेरे पति से मोबाइल मांगा लेकिन मोबाइल ना मिलने से उन्होंने पूरे घर की तलाशी ली और पति को घर से लेकर चले गये। इसके 1 घंटे बाद 10 कदम दूरी पर गोली चलने की आवाज आई नक्सलियों ने मेरे पति के मुह में गोली मारी है जिससे उसकी मौके पर उनकी मौत हो गई।

                               ग्राम पंचायत सरपंच दिलीप धनोले ने बताया की उन्हें सुबह पूर्व सरपंच को नक्सलियों के द्वारा गोली मारने की जानकारी ग्रामीणों से मिली जिसके आधार पर उन्होने लांजी थाना प्रभारी को इसकी जानकारी दी।

पूर्व सरपंच की हत्या करने के बाद नक्सलियों ने जो पर्चे फेंके है उसमें शंकरलाल पंद्रे को पुलिस मुखबिर बताया है और पुलिस के मुखबिरों को चेतावनी भी दी है।  पर्चें में केन्द्र सरकार को पूंजीपति की सरकार बताते हुए पुलिस से दूर रहने और मुखबिरी ना करने का उल्लेख करते हुए कहा गया है की यदि किसी गांव में मुखबिरी होती है तो उस व्यक्ति को मुखबिरी की सजा के साथ पंचायत के जनप्रतिनिधियों को भी इसका दंड भुगतना पडेगा।