नगर में बन गया नया विधान, जिनके जितने श्वान वो उतना महान

महावीर अग्रवाल 

मन्दसौर  ९ अक्टूबर ;अभी तक;  अखिल भारतीय साहित्य परिषद की सरस काव्य गोष्ठी सिनेमा निर्माता निर्देशक प्रदीप शर्मा के मुख्य आतिथ्य एवं फिल्मी गीत गजल प्रेेमी अभय मेहता की अध्यक्षता एवं वरिष्ठ कवि गोपाल बैरागी, हरिओम बरसोलिया, नंदकिशोर राठौर, हरीश दवे, विजय अग्निहोत्री, नरेन्द्र भावसार, सुनील राठौर के सानिध्य में सम्पन्न हुई।
                                   सरस्वती वंदना पश्चात मुख्य अतिथि के रूप में श्री शर्मा ने कहा कि, विश्व सिनेमा दिवस 5 नवंबर 2023 के दिन नगर में शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल का आयोजन किया जाना तय है। जिसमें संगीत, साहित्य एवं शार्ट फिल्मों की स्क्रीनिंग मुख्य रूप से की जायेगी। नगर की सिने प्रेमी जनता इस आयोजन का आनंद जरूर लेवे।
                        अभय मेहता ने विभिन्न पार्श्व गायकों के गीतों की प्रस्तुतियों का आयोजन करते रहने की परम्परा का पालन करते रहने का विश्वास दिलाते हुए अपनी रचना ‘‘चांद का शीतल मन में, सूरज सा चमकता चेहरा  ऐसा गुरुवर मेरा’’ रचना सुनाई। गोपाल बैरागी ने गांधी जयंती के परिप्रेक्ष्य में ‘‘गांधी दर्शन पर कविता ‘‘सड़क से संसद तक गांधी तेरा ही नाम है, चारों धाम से बढ़कर तेरा गांधी धाम है’’ सुनाई।
                           नंदकिशोर राठौर ने नगर में कुत्तों की समस्याओं पर ध्यान आकृष्ट करते हुए घरों में कुत्ता पालने की संस्कृति पर कविता ‘‘नगर में बन गया एक नया विधान, जिनके जितने श्वान वो उतना महान’’ सुनाई। हरिश दवे ने ‘‘हर साल  रावण जलाया करते फिर भी रावण क्यंू नहीं मरते’’ सुनाई। विजय अग्निहोत्री ने चन्द्रमा पर चन्द्रयान की सफलता बताते हुए ‘‘चन्द्रमां पर उतरा चन्द्रयान, जय वैज्ञानिक जय विज्ञान’’ सुनाई।
                                 नरेन्द्र भावसार ने ‘‘छल से न बल से, सत्ता मिलेगी है दल बदल से’’ हास्य कविता चुनावी चटकारे लेते हुए सुनाई। सुनील राठौर ने राम के आदर्श स्वरूप की स्तुति ‘‘राम की आराधना, राम की है वंदना’’ प्रस्तुत की। हरिओम बरसोलिया ने ‘‘हवा तू धीरे-धीरे बह, बातें उसकी मुझसे कह’’ सुनाकर हवाओं के संदेश की बात कही।
                    कार्यक्रम का संचालन नरेन्द्र भावसार ने किया व आभार नंदकिशोर राठौर ने माना।