निवाड़ी विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी अमित राय के चुनाव मैदान में होने से बीजेपी और सपा के राजनैतिक समीकरण बिगडे

पुष्पेंद्र सिंह
निवाड़ी 2 नवम्बर “अभीतक “जिले की निवाड़ी विधानसभा सीट पर इस बार कांग्रेस मुकाबले में हैं।  वर्ष 2008के बाद ये पहला मौका है कि कांग्रेस प्रत्याशी अमित राय के चुनाव मैदान में होने से न सिर्फ बीजेपी के राजनैतिक समीकरण बिगड़ गए हैं बल्कि समाजवादी पार्टी के लिए भी बीजेपी से सीट छीनना आसान नहीं रहा!
                             वर्ष 2008के चुनाव में यहाँ से सपा की मीरा यादव ने भाजपा के अनिल जैन को पराजित कर अपनी जीत दर्ज की थी लेकिन उसके बाद हुए वर्ष 2013 के चुनाव में जैन ने सपा से सीट छीनकर पिछले चुनाव का हिसाब बराबर कर लिया!और वर्ष 2018के चुनाव में भी उन्होंने शानदार जीत दर्ज करके इस सीट पर अपना कब्ज़ा बरकरार रखा! कांग्रेस उम्मीदवार कप्तान सुरेंद्र सिंह उस चुनाव में 12हज़ार वोट पाकर चौथे नंबर पर रहे थे बसपा के गणेश कुशवाहा 21हज़ार से अधिक वोट लेकर तीसरे नंबर पर आये थे!
                            लेकिन वर्ष 2023के इस चुनाव में कांग्रेस ने अमित राय को अपना प्रत्याशी बनाकर बीजेपी और सपा के लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं वहाँ मुकाबला त्रिकोणीय होने जा रहा है मैदान में इनके अलावा बसपा से अवधेश सिंह राठौर भी ताल ठोंक रहे है राठौर मू लतः बीजेपी नेता रहे हैं लेकिन टिकिट न मिलने के कारण उन्होंने बीजेपी छोड़ दी थी, अवधेश की तरह अमित भी बीजेपी से टिकिट के दावेदार थे, टिकिट उन्हें कांग्रेस ने दे दिया, ये उनका पहला चुनाव हैं यद्यपि वे निवाड़ी जिला पंचायत  चुनाव लड़े, खुद जीते और अपनी माताजी सरोज राय को भी चुनाव लड़ाया और   जिता कर, उन्हें जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंचाया!
                                  निवाड़ी विधानसभा  पिछड़े वर्ग के मतदाताओं के प्रभुत्व वाली सीट मानी जाती है इनके अलावा क्षेत्र में करीब 23हज़ार ब्राम्हण वोटर भी चुनाव नतीजों में निर्णायक रहते हैं लेकिन कांग्रेस से विद्रोह करके रजनीश पटेरिया निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं उनके मैदान में होने से कुछ ब्राम्हण मतों के धुर्बीकरण से बीजेपी कांग्रेस और सपा के राजनैतिक समीकरण प्रभावित होंगे!ब्राह्मणों के अलावा यादव, कुशवाहा, रैकवार, और अहिरवार मतों की बहुलता वाली इस सीमावर्ती सीट पर उत्तरप्रदेश के राजनैतिक हालात भी यहाँ के चुनाव पर असर डालते हैं!  सभी प्रत्याशियों द्वारा  स्थानीय और तमाम अन्य मुद्दों को लेकर,जनसम्पर्क औरप्रचार किया जा रहा है यद्यपि अभी क्षेत्र में राजनैतिक दलों के बड़े नेताओं के दौरे शुरू नहीं हुए हैं हालांकि सपा और बसपा प्रमुख क्रमशः अखिलेश यादव और मायावती के, पांच नवम्बर को निवाड़ी आने की चर्चा है उनके और अन्य दलों के नेताओं के प्रचार से किस दल को कितना फायदा होगा यह तो चुनाव नतीजों से पता चलेगा