प्रदेश

नर्सो द्वारा की गई हड़ताल के मामले पर  हाईकोर्ट सख्त

आनंद ताम्रकार
बालाघाट १७ जुलाई ;अभी तक;  मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर में मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने नर्सों द्वारा की जा रही हड़ताल के संबंध में आज हुई सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से 14 जुलाई 2023 का आदेश न्यायालय में प्रस्तुत किया जिसमें नर्सों की हड़ताल को अवैध घोषित करते हुए तुरंत काम पर लौटने के निर्देश दिये गये है।
                                 निर्देश में यह भी उल्लेख किया गया है की काम पर ना लौटने पर वैधानिक कार्यवाही करने के आदेश दिये गये है।
                             मध्य प्रदेश नागरिक उपभोक्ता मंच के अध्यक्ष श्री पीजी नाजपांडे द्वारा नर्सों की हड़ताल के संबंध में प्रस्तुत अंतरिम आवेदन पर की जा रही सुनवाई के दौरान अधिवक्ता श्री दिनेश उपाध्याय ने न्यायालय में बताया की आवश्यक सेवा मेंटेनेंस एक्ट के तहत हड़ताली कर्मचारियों की सेवा समाप्त करने एवं 6 माह की सजा का प्रावधान है जबकि सरकार की ओर से इस पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है।
                                  न्यायालय ने इस पर सख्त रुख अपनाते हुए एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष रमेश जाट को पार्टी बनाने के निर्देश दिये और सरकार को निर्देश दिये है की आज ही उन्हें हमदस्त नोटिस तामील कराया जाये।
मामले की अगली सुनवाई कल 18 जुलाई के लिये नियत की गई है। इसके साथ यह निर्देश दिया है की सरकार यह भी बताये की हड़तालियों के विरूद्ध क्या वैधानिक कार्यवाही की गई है।

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