न्याय पाने की आस में शासकीय कार्यालय के चक्कर काटने पर मजबूर है पीड़ित महिला
महावीर अग्रवाल
मंदसौर ८ जुलाई ;अभी तक; महिलाओं के लिए कानून तो प्रशासन द्वारा खूब बनाए गए हैं लेकिन जमीनी स्तर पर मामले कुछ अलग ही होते हैं जिसके पास हो पैसा वही सब खेल करता है गरीब इंसान न्याय के लिए सिर्फ और सिर्फ शासकीय कार्यालय के चक्कर काटने के अलावा कुछ नहीं कर सकता है ऐसे कहीं मामले मंदसौर में देखे जा सकते हैं जिस पर कोई ध्यान देने वाला नहीं है।
अगर बात की जाए शासकीय अधिकारियों की तो वह भी इतने लापरवाह है कि पीड़िता द्वारा पहले दिया गया आवेदन कि उसके पति कवर लाल भाना जोकि जिला सरकारी बैंक में कैशियर के पद पर नारायणगढ़ में पदस्थ थे जिन्होंने अपनी पहली पत्नी को छोड़कर दूसरी शादी कर ली बीना तलाक दिए इसके संदर्भ में पहली पत्नी ने लिखित में बैंक को आवेदन भी किया था मामला कोट भी गया कहीं बार उनके पति ने अपनी नौकरी बचाने के लिए राजीनामा भी किया लेकिन जैसे ही रिटायर हुए तो उन्होंने चालाकी और शासकीय अधिकारियों से मिलकर अपनी पेंशन और रिटायरमेंट फंड भी ले लिया और ना ही संपत्ति में से कुछ भी अधिकार पत्नी को दिया गया पीड़िता के दो बच्चे भी है उनका भरण पोषण भी पीड़िता ने बड़ी मुश्किल से किया बच्चे बड़े हो गए हैं उनकी शादी भी पीड़िता को करना है उसका खर्चा भी कंवर लाल भाना देने में आनाकानी कर रहा है खाली आश्वासन देकर मामले को ठंडा बस्ते में डाल देता है और पीड़िता न्याय के लिए शासकीय कार्यालय में चक्कर पर चक्कर काट रही है
मामला मंदसौर जिले के तहसील मल्हारगढ़ थाना क्षेत्र नारायणगढ़ का है जिसमें पीड़िता धापू बाई पति कंवरलाल निवासी नारायणगढ़ जो कि पिछले कहीं वर्षों से शासकीय कार्यालय के चक्कर काटने को मजबूर है आखिर कब इनको न्याय मिलेगा इसी आस में आज पीड़िता द्वारा जिला सरकारी केंद्रीय बैंक मंदसौर और अग्रणी बैंक को लिखित आवेदन देकर वारिस बाबा पेंशन फाइल में नाम जुड़वाने के लिए आवेदन देकर मांग की गई है कि पीड़िता को न्याय दिलाया जाए।