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तहसीलदार की मनमानी, नगर पालिका द्वारा स्वीकृत प्रधानमंत्री आवास पर चलाया बुलडोजर

दीपक शर्मा

पन्ना ६ सितम्बर ;अभी तक ;  नगर के वार्ड क्रमांक 26 पुराना पन्ना में एक गरीब हितग्राही का प्रधानमंत्री आवास तहसीलदार पन्ना अखिलेश प्रजापति तथा राजस्व अमला द्वारा जेसीबी मशीन से ढहा दिया गया। पीड़ित को सामान निकालने तक का मौका नही दिया गया।

आवेदिका सुनीता गुप्ता पति जागेश्वर प्रसाद गुप्ता ने कलेक्टर के नाम दिये आवेदन मे बताया कि, दिनांक 04 सितम्बर 2024 को बिना मेरी उपस्थिति में मकान में ताला लगा हुआ था, उसी दौरान तहसीलदार द्वारा जेसीबी मशीन से मकान को गिरा दिया गया तथा उसमें रखा हुआ घर ग्रहस्थी का समान भी बबार्द कर दिया। जिससे मुझे जीवन यापन करने का संकट खड़ा हो गया है।

उन्होने उक्त आवेदन में उल्लेख करते हुए बताया कि उपरोक्त आराजी पर लगभग 40-45 वर्षों से काबिज होकर कच्चा मकान एवं बाउण्ड्री बनाकर निस्तार करती रही है एवं उपरोक्त जगह के कागज एवं मंजूरी मकान निर्माण करने बावत ग्राम पंचायत मनौर द्वारा 30.10.86 को प्रदान की गयी थी। तभी से प्रार्थिया उक्त जगह पर कच्चा मकान बनाकर एवं शेष आराजी पर बाउण्ड्री बनाकर निस्तार करती रही है। यह कि वर्तमान में प्रार्थिया का प्रधानमंत्री आवास नगर पालिका द्वारा स्वीकृत किया गया था। जिसकी दो किस्ते भी प्राप्त हो गई थी तथा मकान बनकर तैयार हो गया था तथा मकान के अन्दर घर ग्रहस्थी का सभी समान रखा हुआ था हम लोग 4 सितम्बर को बाहर गये हुए थें, उसी दौरान तहसीलदार के द्वारा यह कृत्य किया गया।

आवेदिका ने तहसीलदार पर आवेदन मे यह भी आरोप लगाया है कि कुछ दिन पूर्व तहसीलदार के द्वारा मेरे बेटे से मकान न गिराने की एवज मे एक लाख रूपये की मांग की गई थी, जिसके संबंध में मेरे द्वारा गरीबी का हवाला देकर दस हजार रूपये पटवारी के माध्यम से भेज दिये गये थें। जिसके संबंध में पटवारी द्वारा कुछ दिन बाद कहा गया था कि साहब के पैसे दे दो नही तो तुम्हारा मकान गिरा दिया जायेगा, वह दस हजार मे नही मान रहे है तथा पटवारी द्वारा दिये गये दस हजार की राशि फोन पे के माध्यम से वापिस कर दी गई, जिसका स्कृनी शॉट भी मेरे मोबाईल मे मौजूद है, तहसीलदार को पैसा न मिलने के कारण उन्होने जानबूझकर जेसीबी मशीन से मकान को ध्वस्त किया गया है।

गौरतलब है कि यदि उक्त मकान अवैध जमीन पर बना हुआ था तो नगर पालिका द्वारा प्रधानमंत्री आवास क्यो स्वीकृत किया गया था तथा शासन की ढाई लाख रूपये की राशि का नुकसान हुआ है जिसकी भारपाई कौन करेगा यह भी एक जांच का विषय है। जहां एक ओर गरीब का आवास ढहाया गया है तथा उसके सिर से छत छीनी गई है एवं घर ग्रहस्थी का समान नष्ट किया गया है, वहीं दूसरी ओर नगर पालिका द्वारा प्रधानमंत्री आवास के तहत दी गई राशि का भी नुकसान किया गया है। आखिर इसका जिम्मेवार कौन है। ज्ञात हो कि वर्तमान समय मे वर्षात का मौसम चल रहा है इसके बावजूद प्रशासन द्वारा अवैध अतिक्रमण के नाम पर लोगो के आवास गिराये जा रहे है तथा उन्हे बेघर किया जा रहा है। उक्त मामले को लेकर स्थानीय लोगो में तहसीलदार के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की है।

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