हरित उर्जा एवं पर्यावरण संरक्षण में एक पर्याय है, रेलवे ट्रैक का विद्युतीकरण

महावीर अग्रवाल
मंदसौर ७ जून ;अभी तक;  वर्तमान परिदृश्‍य में यह अवलोकन करें तो डीजल इंजन के परिप्रक्ष्‍य में विद्युत इंजन पर्यावरण मित्र होने के साथ ही साथ यह गति एवं लोड खींचने, अनुरक्षण के मामले में भी काफी उपयोगी है। रेल मंत्रालय द्वारा रेलवे को पर्यावरण मित्र बनाने के लिए तथा यूनीगेज की तहत यूनी इंजन की परिकल्‍पना को साकार करने के लिए 2023 के अंत तक 100 प्रतिशत विद्युतीकरण का लक्ष्‍य रखा गया है।  पश्चिम रेलवे का रतलाम मंडल भी भारतीय रेलवे के 100 प्रतिशत विद्युतीकरण के लक्ष्‍य को पूरा करने में अपनी अग्रणी भूमिका अदा कर रहा है। रतलाम मंडल पर पिछले 5 वर्षों में लगभग 632.55 ट्रैक किलोमीटर का विद्युतीकरण किया गया है तथा इस विद्युतीकरण के साथ ही रतलाम मंडल 100 प्रतिशत विद्युतीकरण वाले मंडलों की श्रेणी में शामिल हो गया है।
                             पश्चिम रेलवे का रतलाम मंडल के वर्तमान में गोधरा-नागदा, नागदा-संतहिरदाराम नगर, रतलाम-चंदेरिया, रतलाम-फतेहाबाद चंद्रावतिगंज-डॉ अम्‍बेडकर नगर, उज्‍जैन-इंदौर खंडों में ट्रेन का परिचालन किया जा रहा है तथा इन खंडों पर  कुल 1976.9 ट्रैक किलोमीटर एवं 1006.97 रूट किलोमीटर विद्युतीकृत है।  इनमें से रतलाम-चित्‍तौड़गढ़ खंड का विद्युतीकरण 2021 में किया गया है।
                              विद्युतीकरण अर्थात विद्युत इंजनों से पैसेंजर एवं मालगाडियों का परिचालन होने से हरित उर्जा का बढ़ावा मिलता है साथ ही साथ वायु प्रदुषण एवं पर्यावरण संरक्षण में भी यह काफी महत्‍वपूर्ण योगदान देता है। पिछले 5 वर्षों में रतलाम मंडल पर 632.55 ट्रैक किलोमीटर का विद्युतीकरण किया गया तथा मालगाडियों एवं पैसेंजर गाडियों का विद्युत लोको से परिचालन होने के कारण लगभग 60329 टन कार्बन उत्‍सर्जन में कमी आयी है, इसके साथ ही साथ 22510 किलो लीटर हाई स्‍पीड डीजल की बचत हुई है तथा लगभग रु 65.15 करोड़ राजस्‍व की भी बचत भी हुई है।
विद्युत लोको से ट्रेन का परिचालन होने से उर्जा संरक्षण एवं हरित उर्जा का बढ़ावा देने के साथ ही साथ कर्षण परिवर्तन, इंजनों और वैगनों परिवर्तन नही करना, शंटिंग की समस्‍या दूर हो गई है जिससे स्‍टेशन एवं यार्ड में लोको परिचालन के होने वाली सघनता से मुक्ति मिली है, तेज, किफायती और पर्यावरण अनुकूल साधन, महंगे डीजल र्इंधन के स्‍थान पर बिजली के उपयोग के कारण बचत, विभिन्‍न मार्गों पर निर्बाध कनेक्टिविटी इत्‍यादि महत्‍वपूर्ण लाभ विद्युतीकरण के कारण हो रहे हैं।
रतलाम मंडल पर वर्तमान में रतलाम-नीमच दोहरीकरण, उज्‍जैन-देवास-इंदौर दोहरीकरण, डॉ. अम्‍बेडकर नगर-खंडवा आमान परिवर्तन, इंदौर-दाहोद नई लाइन का निर्माण कार्य प्रकियाधीन है तथा विद्युतीकरण के लाभ एवं उपयोगिता को ध्‍यान में रखते हुए उपरोक्‍त सभी खंडों पर विद्युतीकरण कार्य साथ साथ किया जा रहा है।