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सोशल मीडिया के दौर में डाक से मिली राखी की बात ही कुछ और है, सप्ताह भर में नगर के 12 डाकियों ने करीब 55 हजार भाइयों को दी राखियां

आनंद ताम्रकार
बालाघाट २०  अगस्त ;अभी तक ;  सोशल मीडिया दौर के कम ही युवा जानते होंगे कि आज से पहले डाक संचार का एक ऐसा माध्यम था। जिसका इंतजार हर घर को रहता था। डाक से आयी चिट्टी पत्री जैसे-भावों व रिश्तों का पूरा संसार हुआ करती थी। आज जो युवा किसी भी त्योहार या छोटे-छोटे अवसरों पर तत्काल व्हाटसअप कर विश कर दिया करते है। लेकिन एक डाक से आयी चिट्टी देखते ही आंसू भी निकल आया करते थे। आज जब संचार के त्वरित माध्यम आ चुके है, उस दौर में भी पोस्ट ऑफिस बहनों के लिए खास महत्व रख रहा हैं। ये पोस्ट ऑफिस नहीं होती तो आज हजारों बहनें अपने भाइयों की कलाई बांधने से रह जाती।
                      पोस्ट मास्टर श्री लक्ष्मीनारायण पारधी ने बताया कि इस दौर में भी डाक के माध्यम से राखियां भेजने में कमी नहीं है। बालाघाट नगर की 12 बीट में 54930 राखियां इस सप्ताह बांटी गई है। खास बात यह है कि सोमवार को रखी होने से शनिवार और रविवार दोनों दिन अवकाश होने के बावजूद भाई-बहनों के इस त्योहार में डाक से आई राखियां पहुँचाई।
प्रतिमा की रही विशेष राखी
                              प्रदेश में महिला सशक्तिकरण के उद्देश्य से संचालित मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना है। इस राशि से कई बहने रक्षाबंधन में राखी मिठाई नारियल व अन्य सामग्री खरीदने में उपयोग कर रही है। लेकिन बूढ़ी गंगानगर में रहने वाली प्रतिमा डोमड़े के लिए यह राशि अधिकारी बनने की दिशा में उपगोग कर रही है। प्रतिमा इस राशि से कोचिंग के लिए और आवश्यक होने पर किताबें खरीद कर मप्र राज्य लोक सेवा आयोग तैयारी कर रही है।
                             प्रतिमा अपनी दो बेटियों पढ़ाने के साथ ही इस पूरी राशि का शिक्षा में उपयोग कर रही है। पति साथ नही होन से उनके लिए 1250 योजना की राशि व 250 विशेष उपहार मिलने से राखी के त्योहार में ज्यादा उपगोगी साबित हुए है। जिले में लाड़ली बहना योजना में 3 लाख 56 हजार बहनों को 626 करोड़ राशि प्रदान की गई है।

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