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प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को ई. पी. एफ.पेंशन  में सरकार द्वारा घोषित पेंशन वृद्धि एवं महंगाई भत्तों का लाभ मिलना चाहिए

 *रमेशचन्द्र चन्द्रे*
       मंदसौर १६ अगस्त ;अभी तक ;    निजी क्षेत्र के उद्योगो, कंपनियों, फैक्ट्रीयों, शिक्षण संस्थाओं एवं अर्धशासकीय संस्थानों में कार्यरत अधिकारियों एवं कर्मचारियों की प्रतिमाह उनके वेतन से 12.12% राशि काटी जाती है तथा नियोक्ता की ओर से 8.33 राशि मिलाकर “कर्मचारी भविष्य आयुक्त कार्यालय” में जमा की जाती है, जो कर्मचारी की न्यूनतम सर्विस 10 वर्ष या अधिकतम 58 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर उसे आजीवन पेंशन प्रदान की जाती है।
        क्योंकि यह पेंशन कर्मचारियों को प्राप्त होने वाले कुल वेतन के प्रतिशत पर निर्भर होती है जो बहुत कम होती है।
       कर्मचारियों की 58 वर्ष की उम्र के पश्चात एक बार जो पेंशन निर्धारित हो जाती है उसमें फिर कोई पर्याप्त वृद्धि नहीं होती अर्थात यदि किसी की पेंशन 2000 ₹ निश्चित है तो वह जीवन भर उसे 2000 ₹  ही प्राप्त होगी।
        उक्त विषय में सरकार से यह आग्रह है कि, जब शासन अपने सरकारी कर्मचारियों के लिए समय-समय पर पेंशन वृद्धि करती है तथा महंगाई भत्तो का ऐलान करती है तब- तब इसका लाभ उक्त प्रकार के कर्मचारियों को भी मिलना चाहिए, जिन्हे केंद्रीय एवं राज्य कर्मचारी भविष्य संगठन से पेंशन प्राप्त होती है।
         क्योंकि एक प्राइवेट सेक्टर का कर्मचारी, जिसे शासकीय कर्मचारी की तुलना में जीवन भर वेतन कम ही प्राप्त होता है और शासन की अन्य सुविधाओं  से भी वह वंचित रहता है इसलिए इस प्रकार के कर्मचारियों को चिकित्सा सुविधाएं, पेंशन वृद्धि एवं महंगाई भत्तों के लाभ यदि केंद्र और राज्य सरकारों के द्वारा दिए जाते हैं तो उनका जीवन निर्वाह सुविधाजनक तरीके से हो सकेगा।
        इसके साथ ही कर्मचारी भविष्य निधि संगठन से पेंशन प्राप्त करने वाले सभी कर्मचारियों को अपना एक संगठन बनाकर इस हेतु सरकार पर दबाव बनाना चाहिए एवं अपनी मांग रखना चाहिए तथा देश प्रदेश में चलने वाले पेंशनर संगठन एवं पेंशन महासंघों को भी उक्त प्रकार के कर्मचारियों का समर्थन करना चाहिए।

 


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