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9 वर्ष की अवयस्क बालिका को ले जाकर दुष्कृत्य करने वाले आरोपी को हुआ 20 वर्ष का सश्रम कारावास
विधिक संवाददाता
इंदौर १५ जुलाई ;अभी तक; – जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री संजीव श्रीवास्तव ने बताया कि दिनांक 11.07.2023 को न्यायालय श्रीमती रश्मि वाल्टिर पंचम अपर सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012), इन्दौर, जिला इंदौर ने थाना संयोगितागंज, के अपराध क्रमांक 466/2019 एवं न्यायालयीन विशेष सत्र प्रकरण क्रमांक 326/2019 में निर्णय पारित करते हुए आरोपी सुनील, उम्र 28 वर्ष, निवासी इंदौर को धारा 5(एम)/6 बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 में 20 वर्ष का सश्रम कारावास तथा धारा 307 भा.दं.सं. में 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं धारा 366 भा.दं.सं. में 3 वर्ष का सश्रम कारावास व कुल 3500/- रुपये अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। प्रकरण में अभियोजन की ओर से पैरवी विशेष अपर लोक अभियोजक श्रीमती प्रीति अग्रवाल द्वारा की गई।
नोट :- न्यायालय द्वारा पीडि़त बालिका को 100000 रुपये की राशि प्रतिकर के रूप में दिलाये जाने की अनुशंसा की गई।
अभियोजन का मामला संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक 20.10.2019 को फरियादी (पीडि़ता की माता) ने आरक्षी केन्द्र संयोगितागंज, इन्दौिर पर मौखिक रिपोर्ट की, दिनांक 19.10.2019 की रात्रि समय 08:00 बजे वह पीडि़ता को खाना देकर उसकी छोटी पुत्री का पीलिया झड़वाने पड़ोस में गई, वापस आने पर उसे पीडि़ता घर पर नहीं मिली उसने पीडि़ता की तलाश की, तलाश करते वह मोदी के भट्टे के पास पहुँची तो अभियुक्त सुनील पीडि़ता को गोद में उठाकर झाडि़यों की तरफ से ला रहा था। पीडि़ता की माँ ने देखा कि पीडि़ता को बायीं तरफ आँख पर व गले में चोट के निशान थे। पीडि़ता से पूछने पर पीडि़ता ने उसे बताया कि अभियुक्त उसके पास आया और कहा कि दुकान से चिप्स दिलाऊँगा और उसे गोद में उठाकर झाडि़यों में ले गया और उसके साथ गलत काम करने लगा, उसके चिल्लाने पर उसका मुँह हाथ से दबाया और गला भी दबा दिया, उसे मुक्केे से मारा चिल्लााने नहीं दिया। घटना के पश्चात् अभियुक्त भाग गया था। उक्त सूचना पर से आरक्षी केन्द्र संयोगितागंज, इन्दौर पर अपराध क्रमांक 466/2019, अंतर्गत धारा 366-क, 376(ए,बी), 307 भा.दं.सं. एवं 5(एम)/6 पॉक्सोत एक्ट के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। सम्पूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र आरोपी के विरुद्ध न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, जिस पर से अभियुक्त को उक्त दण्ड से दण्डित किया।