पन्ना जिले की रेत लूटकर ले गया माफिया, सकरिया मे लगाया पहाड जैसा डंप

दीपक शर्मा
पन्ना १० अगस्त ;अभी तक; पन्ना जिले को वर्तमान समय मे राजनैतिक रूप से सक्षम तथा मजबूत कहा जा रहा है लेकिन जिस प्रकार की गतिविधियां चल रही है उससे लगता है कि यह जिला राजनैतिक शुन्यता पर चल रहा हैं क्योकि वर्तमान समय में बाहरी नेता ठेकेदार तथा अधिकारी पन्ना जिले मे लूट मचाये हुए है। उनको क्यो संरक्षण दिया जा रहा है। यह बात समक्ष से परें है। बेश कीमती जिले की खनिज संपदा को विगत दो वर्ष से लगातार क्यो लुटवाया जा रहा है, यह एक प्रश्न चिन्ह खडा हो रहा है। लगता है इसमें जिले के जन प्रतिनिधियों का भी संरक्षण उक्त लुटेरो को मिल रहा है।
                                 जिले की अजयगढ तहसील में केन नदी के किनारे रेत की खदाने बेधडक हो कर दो वर्ष से बिना किसी अनुमति से चल रही है। जिससे जहां एक ओर शासन को करोडो रूपये के राजस्व का नुकसान हुआ है। वहीं दूसरी ओर नदी की धारा को बंद करके रेत एवं पानी मे रहने वाले जीव जंतुओं को नष्ट किया गया है तथा स्थानीय किसानो के खेतो की जमीन को भी बुरी तरह से खोदा गया है। यह पूरा कारनामा बाहरी ठेकेदार रश्मित मल्होत्रा ने अलग अलग फर्मो के नाम से ताण्ड मचाया है। वर्ष 2020-21 में पन्ना जिले की विभिन्न रेत खदानो का ठेका तीन वर्ष के लिए 31 करोड मे लिया था लेकिन उसके द्वारा उक्त खदाने सिर्फ एक वर्ष चलाकर पचासो करोडो की रेत निकालकर ले गया तथा राजस्व के रूप में स्वीकृत राशि भी पूरी जमा नही की एवं शासन को लिखकर दे दिया गया कि अब वह खदान चलाने के लिए सक्षम नही है। इसके बाद विगत दो वर्षो से लगातार अवैध रूप से रेत खदानो का संचालन किया तथा इनके द्वारा सकरिया बहेरा मे डम्प बनाकर हजारो ट्रक रेत इकट्टा करके मनमाने दामो मे विक्रय की की जा रही है।
                                 इसी प्रकार अजयगढ क्षेत्र की बेशकीमती रेत को उत्तर प्रदेश की रास्ता से भी रेत की निकासी लगातार की गई। उक्त मामले को लेकर विपक्षीय दलो तथा समाचार पत्रो मे पत्रकारो द्वारा भी मामले को लगातार उठाया गया उसके बावजूद संबंधित ठेकेदार पर कोई कार्यवाही नही हुई। विगत दिनो पूर्व स्थानीय किसानो ने भी जिला प्रशासन से अवैध रेत मामले को लेकर शिकायते की गई थी। उस पर भी कोई कार्यवाही नही हुई तथा वह लगातार रेत निकासी करता रहा है। 15 जून से रेत की खदाने पूर्ण रूप से बंद हो जाती है। लेकिन संबंधित द्वारा लगातार रेत निकासी की जाती रही है। बीच बीच मे अलग अलग फर्मो के नाम पर डंम्प बनाकर भी फर्जीवाडा किया गया।
                           इस पूरे गोरख धंधे मे खनिज विभाग तथा स्थानीय प्रशासन की भूमिका भी संदिग्ध रही है। सबसे सोचनीय पहेलू यह है कि प्रदेश के खनिज मंत्री भी इसी जिले के है और उनकी विधानसभा मे यह अवैध कारोबार चलता रहा जिससे खनिज मंत्री पर भी विपक्षीय दल द्वारा लगातार उंगली उठाई गई उसके बावजूद संबंधित ठेकेदार की गतिविधियों पर कोई कार्यवाही नही की गई। स्थानीय लोगो ने नवागत जिला कलेक्टर हरजिंदर सिंह तथा पुलिस अधीक्षक एस साई कृष्ण थोटा से उम्मीद लगाई है कि आखिर रेत के इस कारोबार एवं संबंधित ठेकेदार पर कार्यवाही की जाये। आंगे देखना है क्या कार्यवाही की जाती है साथ ही सकरिया मे लगें भारी भरकम डंप पर जिला कलेक्टर द्वारा कार्यवाही की जाती है स्थानीय लोगो ने उक्त अवैध डंप को जप्त कर नीलामी कराये जाने की मांग की है।