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रिश्वत के मामले में जिला चिकित्सालय में पदस्थ लेखापाल अजय चैरसिया को हुआ 4 वषर् का सश्रम कारावास
महावीर अग्रवाल
मंदसौर १३ सितम्बर ;अभी तक ; विशेष न्यायधीश महोदय (भ्रष्टाचार निवारण न्यायालय) मंदसौर द्वारा आरोपी अजय चैरसिया लेखापाल, जिला चिकित्सालय मंदसौर को रिश्वत लेने का दोषी पाते हुए 4 वषर् का सश्रम कारावास व 10 हजार रूपये अथर्दण्ड से दण्डित किया।
जिला अभियोजन अधिकारी निमर्लासिंह चैधरी द्वारा बताया गया मामला इस प्रकार है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र शामगढ में पदस्थ डाॅ शोभा मोरे चिकित्सा अधिकारी 6 माह के मातृत्व अवकाश पर रही थी उक्त अवकाश अवधि का वेतन के भुगतान के लिए खण्ड जिला चिकित्सा अधिकारी मंदसौर को आवेदन प्रस्तुत किया था। उक्त मातृत्व अवकाश की अवधि का वेतन आहरण का कायर् कायार्लय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी मंदसौर में पदस्थ प्रभारी लेखापाल अजय चैरसिया से मिली अवकाश अवधि का वेतन आहरण करने के लिए लेखापाल अजय चैरसिया द्वारा डाॅ शोभा मोरे से 3500रू रिश्वत राशि की मांग की गई डाॅ शोभा मोरे रिश्वत देना नही चाहती उसे रंगे हाथो पकडवाना चाहती थी इसलिए उसने उज्जैन जाकर लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक को शिकायत की। उक्त शिकायत पर कायर्वाही करते हुए उप पुलिस अधीक्षक वेदांत शमार् द्वारा ट्रैपदल का गठन किया गया। तत्पश्चात ट्रैपदल द्वारा कायर्वाही करते हुए अभियुक्त लेखापाल अजय चैरसिया को डाॅ शोभा मोरे से 3500रू रिश्वत राशि लेते हुए दिनांक 09.07.2019 को रंगे हाथों पकडा। इसके बाद लोकायुक्त पुलिस द्वारा माननीय विशेष न्यायधीश महोदय भ्रष्टाचार निवारण मंदसौर के समक्ष अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया। माननीय न्यायालय द्वारा विचारण उपरांत जिला अभियोजन अधिकारी द्वारा रखे गये तथ्यों एवं तकोर्ं से सहमत होकर आरोपी अजय चैरसिया को धारा- 7 भ्रष्टाचार नि0 अधि0 1988 संशेाधित अधिनियम 2018 के तहत 4 वषर् का कठोर कारावास एवं 10 हजार रू अथर्दण्ड से दंडित किया गया।
प्रकरण में अभियोजन का सफल संचालन जिला लोक अभियोजन अधिकारी निमर्लासिंह चैधरी द्वारा किया गया।