पन्ना टाइगर रिजर्व के गंगऊ अभ्यारण क्षेत्र मे सांभर का शिकार तीन आरोपी गिरफ्तार
दीपक शर्मा
पन्ना १८ फरवरी ;अभी तक; मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में टाईगर रिजर्व क्षेत्र मे सांभर हिरण का शिकार का मामला सामने आया है, जिसमें वन अमला द्वारा तीन लोगो को गिरफ्तार किया गया है।
जानकारी के अनुसार खेत में सांभर का शिकार कर आरोपी द्वारा पार्टी की जा रही थी। उसी दौरान आरोपीयो को सांभर के मांस तथा अन्य अवशेषो के साथ गिरफ्तार कर लिया गया था। उक्त आरोपीयो के खिलाफ वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है। ज्ञात हो कि टाईगर रिजर्व के अधिकारीयो को मुखबिर के माध्यम से सूचना प्राप्त हुई थी, इसके बाद वन अमला सक्रिय हुआ तथा गंगऊ अभ्यारण अंतर्गत आने वाले दरेरा ग्राम के राजस्व क्षेत्र से शिकारियों को पकडा गया है।
गत दिवस उक्त मामला सामने आने पर यह कार्यवाही की गई। कुछ लोगों ने जंगल से सटे अपने खेत में सांभर का शिकार किया है और वो लोग वहीं पर उसका मांस पकाकर पार्टी कर रहे हैं। घटना की गंभीरता को देखते वन परिक्षेत्र अधिकारी प्रतीक अग्रवाल ने तुरंत वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया। वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन एवं मार्गदशन में तत्परता से कार्रवाई करने के लिए टीम गठन किया 14 फरवरी की रात्रि करीब को दल-बल के साथ दबिश देकर मौके से राजेन्द्र सिंह, रामस्वरूप आदिवासी व दीपक आदिवासी सभी निवासी ग्राम दरेरा को पकडा गया है। उक्त छापामार कार्रवाई में पीटीआर की टीम ने खेत से सांभर की खाल, तीन पैर, लीवर आदि अवशेष जब्त किए हैं। हालांकि तीनों शिकारी सांभर का मांस पकाकर खा चुके थे। खेत में ईंटों से निर्मित अस्थाई चूल्हा भी मिला है जिस पर शिकार का मांस पकाया गया था।
गंगऊ अभ्यारण के वन परिक्षेत्राधिकारी (रेंजर) प्रतीक अग्रवाल ने बताया, आरोपियों ने पूंछतांछ में अपना जुर्म स्वीकार किया है। उनके द्वारा खेत में करंट का तार बिछाकर सांभर का शिकार किया गया था। तीनों आरोपियों के खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। सांभर के शिकारियों विगत दिवस न्यायालय में पेश किया गया जहां से उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में जिला जेल पन्ना भेजा गया है।
विदित हो कि, सांभर प्रजाति के हिरण आकार में काफी बड़े होते हैं। इसलिए उनमें मांस काफी मात्रा में निकलता है। सिर्फ तीन शिकारी सांभर के मांस को एकबार में ही पूरा चटकर जाएं व्यावहारिक तौर पर यह संभव नहीं है। इसलिए, अंदेशा जताया जा रहा है कि शिकारियों के द्वारा मांस का बड़ा हिस्सा या तो गुपचुप तरीके से अपने करीबियों को वितरित किया गया या फिर उसे अन्य किसी तरीके से ठिकाने लगाया है। इस पहलु पर विशेष गौर करते हुए पीटीआर की टीम पकड़े गए शिकारियों से मिली जानकारी के आधार पर अन्य कुछ लोगों की सरगर्मी से तलाश में जुटी है। इसलिए आने वाले दिनों सांभर के मांस की पार्टी मानाने वाले कुछ और लोगों की धरपकड़ की संभावना जताई जा रही है।
बता दें कि, फरवरी माह के दूसरे सप्ताह में पन्ना टाइगर रिजर्व की मड़ला रेन्ज अंतर्गत आने वाले ललार ग्राम में जंगली सूअर का कार होने की खबर आई थी। कड़ी सुरक्षा एवं सघन निगरानी वाले पार्क क्षेत्र (पीटीआर) में लगातार सामने आ रहीं शिकार की घटनाओं को लेकर सवाल उठने पर मड़ला रेंजर वैभव सिंह चंदेल ने जंगली सूअर के शिकार मामले में गहरी चुप्पी साध ली है। शाकाहरी वन्यजीवों के शिकार की घटनाओं का ग्राफ लगातार चिंताजनक तेजी से बढ़ने के कारण पन्ना टाइगर रिजर्व सहित इससे सटे सामान्य वन क्षेत्र में विचरण करने वाले बाघ-तेंदुआ जैसे वन्यजीवों के लिए भी खतरा काफी बढ़ गया है। क्योंकि पन्ना जिले में शिकारियों के साथ-साथ वन्य जीवों के अंगों के तस्कर भी सक्रिय हैं। विगत वर्षों में टाइगर (बाघ), तेंदुओं के शिकार, संदिग्ध मृत्यु और उनके अंगों की तस्करी जुड़ी कई हैरान करने वाली घटनाएं सामने आई हैं। जिनके मद्देनजर जिम्मेदारों को विशेष सतर्कता बरतने और वन क्षेत्र में सुरक्षा के कड़े प्रबंध करने की जरुरत है।