नये नोटों पर कुछ भी लिखा होने से ये नोट अमान्य हो जाते हैं

महावीर अग्रवाल
मन्दसौर २१ मई लाभ तक;  आरबीआई की क्लीन करेंसी पालिसी क्या हैं? बाजार में हम कई बार देखते हैं कि करेंसी नोट पर कुछ लिखा हुआ होता है तो उसे दुकानदार या व्यापारी यह कह कर लेने से मना कर देते हैं कि इसका कानूनी मान्यता समाप्त हो गई है । सोशल मीडिया पर कुछ ऐसे संदेश वायरल होते नजर आते हैं जिसमें भारतीय रिजर्व बैंक का हवाला देते हुए कहा जाता है कि नये नोटों पर कुछ भी लिखा होने से ये नोट अमान्य हो जाते हैं और वो लीगल टेंडर नहीं रह जाता है
                           उक्त बात एक बयान में पूर्व विधायक एव कांग्रेस जे वरिष्ठ नेता डॉ सम्पत जाजू ने कही। उन्होंने कहा कि बाज़ार में जब 2000 के नोटों का चलन ही नहीं है सरकार स्वीकार कर रही हैं और सन् 2018 से नोट छापने बंद  कर दिये तो स्पष्ट बात हैं कि सरकार ने जो नोटबंदी सन् 2016 में जिस कारण से की थी उसके परिणाम नकारात्मक मिले और मजबूर होकर वर्ष 2023 में क्लीन करेंसी पालीसी के तहत 2000के नोटों की बंदी करना पड़ी ।
                   डॉ जाजू ने कहा कि क्लीन करेंसी  पालिसी सन् 1988 में बनी हैं । प्रश्न हैं कि जब दो हज़ार के नोटों को इस पॉलिसी के  तहत लेकर घोषणा की गई हैं तो 2000के नोट से अधिक 500,200इत्यादि के नोट उपयोग में ला रही है आम लोग ।
                      उन्होंने कहा की सरकार को ने जब सन् 2016 में नोटबंदी लागू की थी उस समय 2000के नोटों के बारे में आगे क्या परिणाम निकलेंगे पर ध्यान नहीं दिया था 2000के नोटों के चलन के बारे में कई अर्थशास्त्रीयो ने विरोध कर उसकी कमियाँ बताई थी सरकार ने उन्हें अनदेखा किया लेकिन 2018 तक 2000के नोटों के दुरुपयोग और जो कमियाँ बताई गई थी उसके परिणाम ज़मीन पर दिखने लगे सरकार ने वर्ष 2018 से 2000के नोट छापने ही बंद कर दिये। सरकार की ग़लत सोच  के कारण ही अब 2000 के नोटो को क्लीन करेंसी पालिसी के तहत मिनी नोटबंदी का पुराने नियम का सहारा लेना पड़ा और जनता में  भ्रम पैदा कर दिया जिसके कारण लोगो में आक्रोश हैं।