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संत सिंगाजी का दस दिवसीय  मेला शुरू, 2 नवंबर को होगा समापन

मयंक शर्मा

खंडवा २४ अक्टूबर ;अभी तक;  16 वी शताब्ी के निगुर्णी सत सिंगाजी महाराज के समाधिस्थल पर 10 दिवसीय मेला आज मंगलवार से औपचारिक रूप से शुरू हो गया। नर्मदा घाटी के जिले के इंदिररा सागर परियोजना के छूब से सुरक्षित रखने  के लिश्े श्हां से 50  किमी दूर के ग्राम पिपल्या स्थिज े सिंगाजी महाराज की समााधि को चारों ओर बैक वाटर जलाशय  से सुरक्षित करने हेतु सीमेंट  कांक्रीट का परकोटा बनाया गया है।

निर्गुणी संत सिंगाजी महाराज का मेला 24 अक्टूबर से शुरू होगा, जो 2 नवंबर तक चलेगा। मुख्य दिवस शरद पूर्णिमा 28 अक्टूबर को बडे ही धूमधाम से मनाई जाएगी। हालांकि आचार संहिता के चलते जन प्रतिनिधियों के सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं होंगे।  जनपद पंचायत हरसूद के  तत्वाधान में आयोजित मेले मे मुख्य रूप से पुनासा एसडीएम,  मौजूद रहेंगे।  मुख्य दिवस शरद पूर्णिमा 28 अक्टूबर शनिवार को झाबुआ राजघराने से मुख्य निशान आएगा जो परंपरागत सिंगाजी समाधि स्थल पर चढ़ाकर विशेष पूजा अर्चना की जाएगी।  अन्य भी निशान ग्राम ग्राम से बड़ी संख्या में पैदल लेकर सिंगाजी भक्त सिंगाजी समाधि स्थल पर पहुंचते हैं। दस दिवसीय मेले के दौरान समाधि स्थल लाखों की संख्या में श्रद्धालु दूर-दराज से सिंगाजी महाराज दर्शन लाभ लेने आते हैं।
विदित हो कि समाधि स्थल पर 463 सालों से अधिक समय से  अखंड ज्योत जल रही है। यहां पर र्दु दराज सिंगाजी महाराज के भक्त पशुपालक अपनी मन्नत लेकर आते हैं। मुख्य रूप से भक्तगण  प्रसादी में नारियल, चिरौंजी, घी चढ़ाते हैं।आश्चर्य है कि हजारों किवंटल घाी शककर चिरोजी चडाने के बाद चीटी मकोडा तक नहीं फटकते है।मेले के दौरान सुबह से देर रात तक भक्तों का भारी आवागमन रहता है। सिंगाजी समाधि स्थल पर आकर्षक सजा सज्जा कर भजन, कीर्तन, विशेष पूजन चलता है। मेले आयोजन के दौरान सुरक्षा की दृष्टि से बड़ी संख्या में पुलिस जवान होमगार्ड को गोताखोरों की व्यवस्था रखने के निदे्रश है।
कांग्रेस नेता श्रीरंग नाईक ने बताया कि संत सिंगाजी समाधि पहुंच मार्ग निर्माण के लिये गुजरात की आशीष इंफ्रास्ट्रक्चर को रोड का ठेका मिला है। विडंबना है कि दो से तीन साल की अधिक समय होने के बाद नव निर्माण रोड बदहाल अवस्था में ठेकेदार ने छोड़ दिया है। कई जगह पर पुलिया का निर्माण भी आधा अधुरा  है।उन्होने कहा कि  प्रतिदिन इस रोड पर चलने वाले आमजनों के लिए जो की जानलेवा  खतरनाक साबित हो सकता है। संत सिंगाजी मेले जाने वाला बीड़ रेलवे गेट मार्ग जहां-तहां पर गिट्टी बिछाई पड़ी है। रोजाना दो पहिया चार पहिया वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं।
मेले में झूला, सर्कस, सिनेमा खिलौना मौत का कुआं, किराना आदि सहित अन्य दुकानें लगाई जाती है। जो आकर्षण का केंद्र होती है। रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन सहित उच्च नस्ल की बैल जोड़ी की खरी फरोक्ष्त बडी संख्या में होने से यहां पशु मेला विख्यात है।

 

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