उच्च न्यायिक सेवा परीक्षा के लिए अधिवक्ताओं को निषुल्क प्रषिक्षण

सिद्धार्थ पांडेय

जबलपुर २४ अगस्त ;अभी तक;  मप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण तथा मप्र राज्य न्यायिक अकादमी के संयुक्त तत्वाधान में विधिक दक्षता संवर्धन कार्यक्रम के तहत उच्च न्यायायिक सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए अधिवक्ताओं के लिए निषुल्क प्रषिक्षक दिया जायेगा। इस कार्यक्रम का षुभांरभ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ द्वारा किया गया।

ष्षुभांरभ अवसर पर चीफ जस्टिस ने अपने उद्बोधन में कहा कि कार्यक्रम को मुख्य उददेष्य अधिवक्तओं को उच्च न्यायिक सेवा परीक्षा में भाग लेने हेतु दक्षता प्रदान करना है। न्यायाधिष का पद प्राप्त करने के लिए जानकारी एव कौषल के साथ-साथ दक्षता एव कुषग्रता का होना अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह कार्यक्रम सभी प्रतिभागी अधिवक्तओं को परीक्षा संबंधित मूलभूत पहलुओं जैसे लेखन,लीगल रिचर्स इत्यादि में दक्ष करेंगा। उच्च न्यायिक सेवाओं में अनुसूचितजाति,जनजाति,अल्प संख्यक,महिलओं,आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग तथा अन्य श्रेणियों से संबंधित अधिवक्ताओं का प्रतिनिधित्व निम्न स्तर पर है। ऐसे अधिवक्ताओं को उच्च न्यायिक सेवाओं की परीक्षाओं में सफल बनाने के उददेष्य से उक्त कार्यक्रम ऑन लाईन माध्यम से प्रारंभ किया गया है।
जस्टिस ष्षील नागू ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पहली बार आयोजित होने वाला यह कार्यक्रम अपने आप में अनूठा व महत्तपूर्ण है। पिछले पांच सालों में उच्च न्यायिक सेवा में अधिवक्ताओं के लिए निर्धारित कोटा रिक्त रहता है। कार्यक्रम द्वारा अधिवक्ताओं को परीक्षा में सफलता प्रदान करने में सहयोग प्रदान करेगा। जस्टिस विवेक अग्रवाल ने कहा कि प्राय देखा गया है कि उच्च न्यायिक सेवा परीक्षा की तैयारी हेतु संसाधन एव मार्गदर्षन की उपलब्धता सुगमता से नहीं हो पाती है। यह कार्यक्रम अभ्यार्थियों एव संसाधन की उपलब्धता के बीच के फासले को कम करेगा। कार्यक्रम का प्रथम चरण में प्राथमिक परीक्षा तथा द्वितीय चरण में मुख्य परीक्षा की तैयारियों पर केन्द्रित है।

मप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव राजीव कर्महे ने बताया कि अंतर्गत कुल 50 सत्र आयोजित किये जायेगे। जो उच्च न्यायिक सेवा परीक्षा के पाठयक्रम को ध्यान में रखते हुए तैयार किये गये है। उक्त सत्रों में मप्र राज्य न्यायिक अकादमी के विधि विषेषज्ञ,व्याख्याता,न्यायिक अधिकारीगण तथा अधिवक्तागण व्याख्ना देने। कार्यक्रम में सम्मिलित होने वाले अधिवक्ताओं से किसी प्रकार को कोई ष्षुल्क नहीं लिया जायेगा।