राखी के कच्चे धागे की कसम, लाड़ली बहनों की आंखों में आसूं नहीं आने दूंगा: मुख्यमंत्री श्री चौहान

दीपक शर्मा

पन्ना:१९ अगस्त ;अभी तक;  मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश की सवा करोड़ लाड़ली बहनों से कहा की उनका यह मुख्यमंत्री भाई हर दुख तकलीफ में सदैव उनके साथ रहेगा। श्री चौहान ने राखी के कच्चे धागे की कसम खाते हुए यह भी कहा की वह लाड़ली बहनों की आंखों में कभी आंसू नहीं आने देंगे।

श्री चौहान आज पन्ना जिले के गुनौर में मुख्यमंत्री लाड़ली बहना सम्मेलन और 677.49 करोड़ के विकास कार्यों का भूमिपूजन और लोकार्पण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर खनिज साधन मंत्री श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह, सांसद श्री विष्णुदत्त शर्मा, पूर्व विधायक श्री राकेश वर्मा सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा की मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के तहत महिलाओं को अब तक तीन बार एक-एक हजार रुपए की राशि से उनके न सिर्फ घर में बल्कि समाज में प्रतिष्ठा और मान-सम्मान बढ़ा है। उन्होंने लाड़ली बहनों से कहा की आज सम्मेलन में अपने मुख्यमंत्री भाई पर पुष्पवर्षा कर एवं पगड़ी पहनाकर जो सम्मान लाड़ली बहनों ने किया है, वह वापस भी करना है। उन्होंने कहा कि बहनों की जिंदगी में कभी कांटे नहीं आने दूंगा। श्री चौहान ने कहा की लाड़ली बहना योजना से मिली एक-एक हजार की राशि महिलाओं की छोटी मोटी जरूरतों को पूरा कर रही है। साथ ही उनके बच्चों की जरूरतों को भी पूरा कर रही हैं। पैसा पास होता है तो हिम्मत और आत्मविश्वास भी होता है।आज जो एक हजार रूपए की राशि मिल रही है इसे धीरे-धीरे बढ़ाकर 3 हजार रूपए किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिनके खाते में एक हजार रूपए की राशि नहीं आई, वे चिन्ता नहीं करें। उनका नाम भी जोड़ा जाएगा।

श्री चौहान ने कहा कि सवा करोड़ लाड़ली बहनों को एक-एक हजार प्रतिमाह के हिसाब से सरकार हर साल इस योजना के तहत लाड़ली बहनों के खातें में 15 हजार करोड़ डालेगी। इसके साथ ही महिलाओं की आमदनी प्रतिमाह 10 हजार रूपए की भी पहल होगी। मासूम बेटियों के साथ अत्याचार करने वालों को सीधे फांसी के फंदे पर लटकाया जाएगा।

श्री शिवराज सिंह ने कहा कि प्रदेश की महिलाओं को सही ढंग से जीने का हक मध्यप्रदेश सरकार ने दिया है। पूर्ववर्ती सरकार ने जो योजना बंद कर दी थी। उसे मौजूदा सरकार ने पुनः चालू करवाया है। बुजुर्गाें को रेल ही नहीं हवाई जहाज से भी तीर्थ दर्शन यात्रा करवाई जा रही है। मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश लेने पर छात्रों की फीस का खर्च सरकार उठा रही है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों को प्रतिवर्ष 6 हजार रूपए देने का कार्य किया, तो म.प्र. सरकार भी इसमें पीछे नहीं है। हमने भी 4 हजार रूपए की राशि को बढ़ाकर 6 हजार रूपए किया है। इस प्रकार म.प्र. सरकार विकास और कल्याण के मामले में कतई पीछे नहीं है।
श्री चौहान ने पूर्व विधायक श्री राजेश वर्मा की मांग पर सलेहा के भितरी मुटमुरू बांध का निर्माण पुनः करवाने की घोषणा की है। उन्होंने गुनौर, अमानगंज, देवेन्द्रनगर की नगर परिषदों को विकास कार्यों के लिए एक-एक करोड़ रूपए राशि स्वीकृत करने की भी घोषणा की।

छात्राओं की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि शासकीय हाई स्कूल का हायर सेकेण्डरी में उन्नयन किया जाएगा और गुनौर शासकीय महाविद्यालय में साइंस विषय भी शुरू किया जाएगा। श्री चौहान ने गुनौर विधानसभा क्षेत्र में नर्मदा नदी का पानी लाए जाने की मांग पर कहा कि इसका तकनीकि दृष्टि से परीक्षण करवाकर निर्णय लिया जाएगा।

श्री चौहान ने पत्रकार एकता मंच द्वारा सौंपे गए ज्ञापन पर भी विचार कर निर्णय लेने की बात कही। उन्होंने सम्मेलन में बड़ी संख्या में मौजूद लाड़ली बहनों से कहा की वे राखी के पूर्व 27 अगस्त को 1 बजे उनसे टी.वी. के माध्यम से चर्चा करेंगे। इसलिए सभी बहनें उस दिन अवश्य उनके प्रसारण को देखें व सुने। श्री चौहान ने अनेक हितग्राहियों को हितलाभ का वितरण भी किया।

677.49 करोड़ के विकास कार्याे का लोकार्पण, भूमिपूजन

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कार्यक्रम में गुनौर विधानसभा क्षेत्र के लिए 677 करोड़ 49 लाख 46 हजार रूपये के 9 विकास कार्यांे का लोकार्पण, भूमिपूजन एवं शिलान्यास किया। इनमें 60 करोड़ 17 लाख के 3 विकास कार्याे का लोकार्पण और 617 करोड़ 32 लाख 41 हजार रूपये के 9 विकास कार्याें का भूमिपूजन एवं शिलान्यास शामिल है।
मुख्यमंत्री ने जिन विकास कार्याें का लोकार्पण किया, उनमें 27-27 करोड़ के ग्राम बिरवाही वितरण केन्द्र देवेन्द्रनगर एवं पवई विधानसभा क्षेत्र के ग्राम सिमरिया में 132/33 केवी  उपकेन्द्रों का निर्माण और 6.17 करोड़ लागत का गुनौर बाईपास मार्ग लंबाई 3.30 कि.मी. शामिल है।
इसी प्रकार मुख्यमंत्री द्वारा जिन विकास कार्यों के लिए भूमिपूजन किया गया, उनमें 506 करोड़ 54 लाख की पवई व्यारमा समूह जल प्रदाय योजना, 38 करोड़ से शासकीय उत्कृष्ट उमावि, गुनौर का पुनर्विकास कार्य, 31 करोड़ 70 लाख का उत्कृष्ट उमावि ककरहटी का पुनर्विकास, 27 करोड़ 65 लाख की गुनौर की अमृत 2.0 जल प्रदाय योजना, 12 करोड़ 63 लाख 41 हजार रूपये की लागत से शाहनगर में नवीन शासकीय  आईटीआई का निर्माण और 80 लाख से गुनौर नगर परिषद का कार्यालय भवन का निर्माण शामिल है। व्यारमा समूह जल प्रदाय योजना से 260 ग्राम एवं 109 ग्राम पंचायतों के 57 हजार परिवार लाभान्वित होंगे।
सांसद श्री व्ही.डी. शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में गरीब कल्याण की जो योजनाएं चल रही है। उनमें गरीबों के तकदीर और तस्वीर बदलने का काम किया है। केन्द्र और म.प्र. सरकार ने घर-घर में नल से जल पहुंचाने का ऐतिहासिक कार्य किया है। श्री शर्मा ने कहा कि वर्ष 2003 में बीमारू म.प्र. अब विकसित राज्य बन गया है। महिलाओं को उनका सही हक और सम्मान दिलाने की चिंता  म.प्र. सरकार ने की है। पीएम आवास योजना ने हर गरीब के घर के सपने को पूरा किया है। अब कोई गरीब इलाज से वंचित नहीं रहता। विकसित म.प्र. को आने वाले समय में स्वर्णिम म.प्र. बनाया जाएगा।
पूर्व विधायक श्री राजेश वर्मा ने गुनौर विधानसभा क्षेत्र के विकास से जुड़ी अनेक मांगों को मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत किया। प्रारंभ में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कन्याओं और लाड़ली बहनों का पूजन तथा दीप प्रज्ज्वलन कर सम्मेलन का शुभारंभ किया। लाड़ली बहनों ने मुख्यमंत्री श्री चौहान को एक बड़ी राखी भंेट की। लाड़ली बहनों ने भी शासकीय योजनाओं पर केन्द्रित पोस्टर को मुख्यमंत्री के सामने प्रदर्शित किया। स्कूल एवं कॉलेज की छात्राओं द्वारा श्री चौहान को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया।
सम्मेलन में पवई विधायक श्री प्रहलाद सिंह लोधी, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती मीना राजे, पूर्व विधायक श्री गोरेलाल अहिरवार, नगर परिषद गुनौर की अध्यक्ष श्रीमती अर्चना सिंह, श्री मलखान सिंह, श्री सतानंद गौतम, पूर्व विधायक श्री उमेश शुक्ला, श्री जयप्रकाश चतुर्वेदी, श्री रामबिहारी चौरसिया, रामअवतार पाठक, अमानगंज नगर पंचायत अध्यक्ष श्रीमती सरिता खटीक, देवेन्द्रनगर नगर पंचायत अध्यक्ष श्रीमती शिवांगी गुप्ता, श्री महेन्द्र सिंह बागरी, सर्वश्री सुशील त्रिपाठी, मदनमोहन शांडिल्य, दशरथ गुप्ता, अमिता बागरी, गिरधारी चौधरी, धर्मेन्द्र अवधिया, हीरालाल पटेल, दीपक शर्मा, हरेन्द्र त्रिपाठी, मदनमोहन पाण्डेय, प्रशांत चतुर्वेदी आदि उपस्थित थे।