सोनेवानी अभ्यारण के गठन का प्रस्ताव शासन द्वारा निरस्त
आनंद ताम्रकार
बालाघाट २१ जुलाई ;अभी तक; जिले के दक्षिण वन मंडल सामान्य के अंतर्गत वारासिवनी तथा लालबर्रा वन परिक्षेत्र के अंतर्गत प्रस्तावित सोनेवानी अभ्यारण के गठन का प्रस्ताव शासन द्वारा निरस्त कर दिया गया है।
इस आशय की जानकारी मध्यप्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष एवं विधायक श्री गोरी शंकर बिसेन ने बालाघाट में आयोजित पत्रकार वार्ता में दी।
श्री बिसेन द्वारा पत्रकारों को मध्यप्रदेश शासन वन विभाग के उपसचिव अनुराग कुमार द्वारा इस संबंध में प्रधान मुख्य वनसंरक्षक (वन्य प्राणी) मध्यप्रदेश भोपाल को प्रेषित किया गया पत्र क्रमांक for/2/0004/2022/10-2भोपाल दिनांक 18/07/2023 की फोटो प्रति भी वितरित की।
श्री बिसेन ने पत्रकार वार्ता में बताया की सोनेवानी अभ्यारण के अंतर्गत ग्राम पंचायतों एवं अनेक कृषकों ने अभ्यारण के बनने से उन्हें वहां से हटाकर अन्यत्र बसाहट किये जाने की संभावना को लेकर मुख्यमंत्री के समक्ष अपना विरोध व्यक्त किया था जिस पर मुख्यमंत्री ने भी इस मुद्दे पर सहमति व्यक्त की थी।
इस पत्र में उल्लेख किया गया है की मध्यप्रदेश के अंतर्गत आरक्षित वनों को अभ्यारण के रूप में अधिसूचित करने हेतु सोनेवानी अभ्यारण के गठन किये जाने के प्रस्ताव के परिपेक्ष्य में यह लेख है की मध्यप्रदेश के अंतर्गत आरक्षित वनों को अभ्यारण के रूप में अधिसूचित करने हेतु सोनेवानी अभ्यारण के गठन का प्रस्ताव निरस्त किया जाता है।
यह उल्लेखनीय है की सोनेवानी अभ्यारण पेंच तथा कान्हा राष्ट्रीय उद्यान के कॉरिडोर में स्थित है जहां बहुतायत में वन्य प्राणियों को बाहुल्य है जिसे देखने के लिये बडी तादाद में पर्यटक सोनेवानी अभ्यारण में नियमित पहुंच रहे है। इस अभ्यारण में लगभग 30 टाइगरों को की मौजदूगी दर्ज की गई है। वहीं विशाल पैमाने पर वन संपदा का भंडार भरा हुआ है।
शासन के इस फैसले से पर्यटकों तथा वन्य प्राणियों के संरक्षण के लिये सक्रिय कार्यकर्ताओं में निराशा व्याप्त हो गई है।