बुरहानपुर विस क्षेत्र ऐसा जहा कांग्रेस भाजपा दाोनों के लिये उम्मीदवारी सिरदर्द है

मयंक शर्मा

खंडवा २४ अक्टूबर ;अभी तक;  यह संकेत है कि भाजपा प्रदेश के महू एव बुरहानुपर के उम्मीदवार घोषणा पर पुर्नविचार कर सकती हे।

राजनैतिक पंडितों के अनुसार निमाड  में सत्तापक्ष भाजपा की राजनीति में दो धुव के रूप में निमाड की शेरनी अर्चना चिटनिस व निमाड की नैयया स्व0 नंदकुमरसिंह चैहान रहे है लेकिन इनमें शिखर की परस्पर प्रतिद्धंदाता रही है। 2009 मं लोकसभा चुनाव में अजेय योद्धा नंदू भैयया को पहली बार चुनाव में हार का मुंह  देखना पडा। इसके बाद दोनो के कथित सुलह हो गयी लेकिन पिछला विस चुनाव अर्चना चिटनिस निर्दलीय प्रत्याशी सुरेन्द्रसिंह शेरा से हार गयी। इन्ही समीकरणों के बीच गुटबाजी  और अंर्तकलह का दौर समर्थको के बीच आंतरिक  रूप से बरकरार है और  परिणाम में एक दूसरे को मात देने मेे  अब सांसद पुत्र हर्षचर्धन समथ्रकों के साथ लालायित है। अजूबा यह है कि निर्दलीय विधायक सरेन्द्र सिंह शेरा का इस बार कांग्रेस उम्मीदवार बनाये जाने व अल्पसंख्यक को मौका न दिये जााने से कांेग्रस में चाय की प्याली में तूफान जैसे हालात है।

कांग्रेस व भाजपा में सिरर्दद बनी बुरहानपुर सीट     नामनिदे्रशन के अंितम क्षणेा याने 30 अक्ूटबर के अपरान्ह 3 बजे तक उंहापोह की स्थिति बनी रहेगी  इसकी सभावना है।

निमाड में अंतिम क्षणों में टिकट बदलने का इतिहास भी रहा है।ऐसा अनेको बार खेला होता रहा है। एक वक्त तो ऐसा भी रहा एक उम्मीदवार और उसके दोनों हाथ में एक में कांग्रेस तो दूसरे हाथ में भाजपा का टिक्ट रहा ।उन्होने कांग्रेस उम्मीदवार बनकर चुनाव लडा लेकिन जीत नहीं सके। इस बार कांग्रेस ने अल्पसंख्यक को टिक्ट से दूर किया है तो भाजपा ने राजपूत समाज को। इसे लेकर हार जीत की संसदीय क्षेत्र की सभी 8 विस क्षेत्रों में अपने अपने स्तर की केमेस्टी गढी जा रही है।
खंडवा संसदीय क्षेत्र का हिस्सेवाली  बुरहानपुर विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के पूर्व सांसद व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष स्व. नंदकुमार सिंह चैहान के पुत्र हर्षवर्धन सिंह चैहान ने भी सोमवार कोेे निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन फार्म खरीदा है। उन्होंने पहले जनता की मांग पर चुनाव मैदान में उतरने का संकेत दे दिया है। हालांकि अब तक बुरहानपुर  से किसी प्रत्याशी ने नामांकन फार्म जमा नहीं कराया है।
निमाड़ की नैय्या कहे जाने वाले नंदू भैय्या के पुत्र का टिकट न मिलने पर संासद पत्नी दुर्गेश्वरी देवी का दर्द छलका है। बीजेपी ने अपनी पांचवी लिस्ट जारी करते हुए बुरहानपुर से अर्चना चिटनिस को उम्मीदवार बनाया है। इधर, टिकट नहीं मिलने पर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह के बेटे हर्षवर्धन सिंह चैहान ने अपनी नाराजगी जाहिर की है।

पूर्व सांसद पत्नि दुर्गेश्वरी नंदकुमारसिंह चैहान ने मीडिया से कहा अपना पूरा जीवन किसी राजनीतिक पार्टी के लिए समर्पित कर देने वाले कद्दावर नेता के गुजरने के बाद उसके परिजनों को किस तरह से दरकिनार किया जाता है, इसकी एक बानगी है। जब निमाड़ की नैय्या कहे जाने वाले नंदू भैय्या के पुत्र का नाम भाजपा की पांचवी लिस्ट में भी नहीं आ सका। दरअसल भाजपा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और चार बार के खंडवा लोकसभा सीट से सांसद नंदकुमार सिंह चैहान के पुत्र हर्षवर्धन को टिकट ना दिए जाने के चलते उनके समर्थकों ने बगावती सुर अपनाने की घोषणा कर दी। निमाड़ क्षेत्र में नंदू भैया का बीजेपी को मजबूत करने में अहम रोल  रहा है और यहां उनके समर्थक अब बीजेपी की नैय्या डूबाने का काम भी कर सकते हैं।

ज्ञातव्य है कि पूर्व में हर्षवर्धन चैहान से टिकट का वादा किया था, साथ ही दिवंगत सांसद के पार्थिव शरीर को भाजपा ने शव यात्रा के नाम से निकालकर पूरे निमाड़ क्षेत्र में घुमाया भी था, जिसके बाद उनका अंतिम संस्कार सीएम सहित कई बड़े नेताओं की मौजूदगी में किया गया था। लेकिन अब दिवंगत सांसद के समर्थकों ने चैहान निवास पर पहुंचकर पार्टी के इस फैसले पर नाराजगी जाहिर की।
दुर्गेश्वरी देवी ने कहा क़ि हम पार्टी का विरोध नहीं कर रहे हैं, लेकिन मेरे पति ने पार्टी के लिए अपना सब कुछ यहां तक की अपना जीवन त्याग दिया। क्या यह दिन देखने के लिए उन्होंने ऐसा किया। समर्थकों ं ने बैठक कर कहाकि  अगली रणनीति पर फैसला होगा।

े समर्थकों ने नारेबाजी कर मांग है कि बुरहानपुर का टिकट बदलकर दिवंगत नेता नंदकुमार सिंह चैहान के पुत्र हर्षवर्धन चैहान को दिया जाए। अगर ऐसा नहीं होता है तो, वह पार्टी के पक्ष में काम नहीं करेंगे। समर्थकों के कहना था कि अगर टिकट नहीं बदला गया तो वह हर्षवर्धन सिंह चैहान को निर्दलीय चुनाव मैदान में उतारकर चुनाव लड़वा सकते हैं। नंद कुमार सिंह चैहान के समर्थकों ने कहा कि पूर्व में शीर्ष नेताओं ने यह वादा किया था कि हर्षवर्धन चैहान को टिकट देकर वह भाजपा का उम्मीदवार बनाएंगे। लेकिन ऐसा नहीं किया है।