प्रदेश

विश्रामगंज रेन्ज मे अवैध वन्य जीवो का शिकार, बेजुबान चार वन्य जीवो के खेत मे गडे मिले नर कंकाल

दीपक शर्मा

पन्ना १६ फरवरी ;अभी  तक; जिले के जंगलों से पिछले कुछ महीनों से वन्य प्राणियों के अवैध शिकार एवं अन्य वन अपराधों से जुड़ी बेहद हैरान करने वाली घटनाये लगातार सामने आ रही है। जिसमे मुख्यतः विभाग के रेन्जर तथा बीट गार्डो की लापरवाही प्रमुख रूप से देखी जा रही है।

उत्तर वनमंडल अन्तर्गत जहां एक ओर वनमंडलाधिकारी द्वारा लगातार अपराध रोकने की दिशा मे प्रयास किये जा रहे है तथा रेन्जर एवं फील्ड के वन अमले को सक्रिय किया जा रहा है वहीं दूसरी ओर कुछ रेन्जर एवं बीट गार्ड लगातार लापरवाही बरत रहे है। जिसमे प्रमुख रूप से विश्रामगंज रेन्ज मे पदस्थ रेन्जर की भूमिका भी लापरवाही बनी हुई है। पन्ना टाइगर रिजर्व सहित जिले के उत्तर एवं दक्षिण सामान्य वन मंडल अंतर्गत वन्य जीवों के शिकार की घटनाएं अत्यंत ही चिंताजनक तेजी से बढ़ी हैं।

जिले में सक्रिय शिकारी जिस तरह बेख़ौफ़ अंदाज में एक के बाद एक बेजुबान वन्यजीवों के शिकार की वारदातों को अंजाम देकर सनसनी फैला रहे उससे मैदानी वन अमले की कथित सक्रियता सवालों के घेरे में आ गई है। इस बीच उत्तर वन मंडल पन्ना की विश्रामगंज रेंज के राजस्व क्षेत्र में अवैध शिकार की एक हैरतअंगेज वारदात का खुलासा हुआ है। वन विभाग की टीम ने सिरस्वाहा ग्राम के नजदीक स्थित एक खेत में लगी अरहर की फसल के बीचोंबीच जेसीबी मशीन से जमीन की खुदाई करवाकर 4 वन्यजीवों के क्षत-विक्षत शवों को बहार निकाला गया। बेजुवान वन्य प्राणियों का शिकार करने के बाद उन्हें खेत में ही गड्ढे खोदकर दफना दिया था।

इस मामले में फॉरेस्ट टीम के द्वारा खेत मालिक के भतीजे शीतल पाण्डेय पुत्र बाबूलाल पाण्डेय को हिरासत में लेकर सघन पूंछतांछ की जा रही है। समूचे इलाके में यह घटना चर्चा का विषय बनी है। बता दें कि, जंगली जानवरों से होने वाली फसल हानि को रोकने के लिए जिले में बड़ी संख्या में किसान अपने खेत की बारी में फंदे लगाने और करंट का तार बिछाने जैसे ग़ैरकानूनी उपाए करते हैं। इनमें फंसने या मरने वाले वन्य प्राणियों के मांस को अधिकांश किसान गुपचुप तरीके से मिल बांटकर खा लेते हैं। वहीं जो किसान मांसाहारी नहीं है वे अपने अपराध को छिपाने के लिए मृत वन्य प्राणियों को या तो अपने खेत से दूर ले जाकर फेंक देते हैं या फिर गड्ढा खोदकर गाड़ देते हैं।

सूत्रों से पता चला है, शीतल के खेत में मिले वन्य जीवों के शवों का पोस्टमार्टम करवाने के लिए पन्ना टाइगर रिजर्व के वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ. संजीव गुप्ता को मौके पर बुलाया गया था। लेकिन सभी शव इतने अधिक सड़-गल चुके थे कि उनका पोस्टमार्टम करना संभव नहीं था। इस स्थिति में वन्य जीवों के उपलब्ध अवशेषों के सैंपल लेने के बाद शवों का दहन कर दिया गया है।

गौरतलब है कि उत्तर वन मंडल के वन मंडलाधिकारी को इस मामले को गंभीरता से लेते हुए संबंधित वन परिक्षेत्राधिकारी विश्रामगंज नितिन राजोरिया की कार्यप्रणाली तथा क्षेत्र के अन्तर्गत चल रहे और भी अन्य अवैधानिक कार्यो की जांच करानी चाहीए। क्योकि वन्य जीवो के शिकार के अलावा विश्रामगंज रेन्ज अन्तर्गत विभिन्न क्षेत्रो मे अवैध वनो की कटाई, हीरा की अवैध खोदाई इन्हे के संरक्षण मे लगातार चल रही है।

Related Articles

Back to top button