विधायक ने झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ जिला प्रशासन द्वारा की जा रही कार्यवाही का विरोध किया
आनंद ताम्रकार
बालाघाट ३० जुलाई ;अभी तक; जिले की लांजी क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के विधायक राजकुमार कर्राहे ने बिना डिग्री डिप्लोमा के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में इलाज कर रहे झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ जिला प्रशासन द्वारा की जा रही कार्यवाही का विरोध किया है। उन्होने चेतावनी दी है की झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ छापामार कार्यवाही हुई तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा और इसके लिए उन्हें परिणाम भुगतने होंगे।
यह उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार ने 15 जुलाई को जारी किये गये आदेश में गैर मान्यता वाले व्यक्तियों और गांव गांव में प्रैक्टिस कर झोलाछाप डॉक्टरों पर अंकुश लगाये जाने के लिये शक्ति से कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये है।
जारी निर्देशों के तारतम्य में बालाघाट जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम सक्रिय हुई लांजी के एसडीएम कौरव, बीएमओ प्रदीप गेडाम ने टीम के साथ विशेषज्ञ पैथालाजिस्ट के बिना चल रही दो पैथोलॉजी लैब और आवश्यक अनुमति के बिना एलोपैथिक दवाइयां लिख रहे दो क्लीनिक को नोटिस जारी कर दिया। नोटिस जारी होते ही गांव में प्रेक्टिस कर रहे लगभग 100 डाक्टर और पैथॉलाजीस्ट आज विधायक कर्राहे के निवास पर पहुंचकर कार्यवाही पर रोक लगाये जाने की मांग की। उसके बाद कर्राहे ने सरकार के आदेश के विरूद्ध अपनी मंशा सार्वजनिक रूप से व्यक्त की।
इसके पूर्व 13 जुलाई को विधायक कर्राहे ने आउट सोसिग के जरिए की जा रही सरकारी भर्तियों में धांधली का आरोप लगाया था। उन्होने सरकारी सिस्टम पर प्रश्न खडे करते हुये कहा था की रोजगार पाने के लिये नौ जवानों को रिश्वत देनी पड़ रही है।
इतना ही नही जब नौकरी मिल जाती है तो उन्हें पुरा वेतन ही नही मिल पाता बल्कि कमिशन के नाम पर एक निश्चित राशि की कटौती की जाती है।
विधायक ने बिना डिग्री डिप्लोमा के इलाज करने वालों से कहा की मेरी बात कलेक्टर से हो गई अब छापामार कार्यवाही किसी पर नही होगी। जब एसडीएम और बीएमओ छापा मारने के लिये गये थे तब भी मैने उन्हें कहा था की अगर ऐसा किया तो मुझसे बुरा कोई नही होगा उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
इतना ही नही विधायक ने सरकार द्वारा जारी आदेश के विपरित झोलाछाप इलाज करने वालो की तरीफ करते हुये कहा की ये लोग गांव गांव में लाखों जिदंगीयां बचा रहे है कोराना काल में इनकी सेवायें अदभुत रही है इन्होने विषम परिस्थिति से देश को बाहर निकालने का काम किया है। मैं आपके साथ कन्धे से कन्धा मिलाकर खड़ा हूं तथा मुख्यमंत्री से चर्चा करूंगा की किसी भी झोलाछाप इलाज करने वाले पर किसी तरह की कार्यवाही ना हो।
अपने इस कदम पर मीडिया से चर्चा करते हुए सफाई में यह कहा की डॉक्टर एसोसिएशन के लोग आये थे मैंने उन्हें आश्वस्त किया हुं की सरकार के आदेश को वापस लिया जायेगा। आप खुलकर प्रैक्टिस करें मुख्यमंत्री से बात कर आदेश को निरस्त करवाया जायेगा। प्रतिबंध लगाया तो स्थिति बिगड जायेगी यही लोग गांव में उपचार प्रदान कर रहे है। मैने सरकार के खिलाफ नहीं जनहित के पक्ष में अपनी बात कही है