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ढाई साल पहले मिली दान की जमीन पर तीन माह में तैयार होगा आंगनबाडी केंद्र,  हाईकोर्ट ने मामले में स्वत लिया था संज्ञान

सिद्धार्थ पांडेय
 जबलपुर २९ जुलाई ;अभी तक;  बच्चों के लिए आंगनबाडी केंद्र बनाये जाने के लिए आदिवासी किसान द्वारा ढाई साल पहले जमीन दान की गयी थी। जमीन दान में मिलने के बावजूद भी आंगनबाडी केंद्र का निर्माण नहीं को हाईकोर्ट ने गंभीरता से हुए मामले की सुनवाई जनहित याचिका के रूप में करने के निर्देष दिये थे। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विषाल मिश्रा की युगलपीठ ने सरकार की तरफ से बताया गया कि आंगनबाडी का निर्माण कार्य जारी है। हाईकोर्ट पेष किये गये जवाब अनुसार तीन माह में निर्माण कार्य पूर्ण हो जायेगा।
                          गौरतलब है कि दैनिक अंग्रेसी में उक्त खबर का प्रकाषन किया था। खबर के अनुसार बडवानी जिले के ग्राम कलालदा ग्राम निवासी आदिवासी किसान लालद सिंह डाबर ने अपनी कृषि भूमि का हिस्सा ढाई साल पहले आंगनबाडी केन्द्र निर्माण के लिए दिया था। साढे साल बाद भी आंगनवाडी केन्द्र का निर्माण नही हुआ है। समाचार में स्थानीय अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठाये गये है। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने अखबार में प्रकाषित खबर को गंभीरता लेते हुए मामले की सुनवाई जनहित याचिका के रूप में करने के निर्देष दिये थे।
                              युगलपीठ ने संज्ञान याचिका की सुनवाई करते हुए प्रदेष सरकार के प्रमुख सचिव,कलेक्टर तथा सीईओ जिला पंचायत बडवानी सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। सरकार की तरफ से पेष किये गये जवाब में कहा गया था कि तीन माह की निर्धारित समय अवधि में आंगनबाडी केंद्र का निर्माण कर दिया जायेगा। याचिका की सुनवाई के दौरान युगलपीठ ने निर्माण संबंधित जानकारी देते हुए बताया गया कि अगस्त माह के कार्य पूर्ण हो जायेगा। याचिका पर अगली सुनवाई अगस्त माह के अंतिम सप्ताह में निर्धारित की गयी है।

 

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