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जमीन का फर्जी विक्रय इकरारनामा करने वाले आरोपी को हुआ 10 वर्ष का सश्रम कारावास
विधिक संवाददाता
इंदौर २२ अगस्त ;अभी तक; जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री संजीव श्रीवास्तव ने बताया कि दिनांक 21.08.2023 को माननीय न्यायालय – चतुर्थ अपर सत्र न्याायालय, श्रीमान जयदीप सिंह, इन्दौर (मध्य प्रदेश), ने थाना छत्रीपुरा , जिला इन्दौर के सत्र प्रकरण क्रमांक 8100481/2014 में निर्णय पारित करते हुए आरोपी नितिन सिंह उम्र 47 वर्ष निवासी हातोद जिला इंदौर को धारा 467 भा.दं.सं. में 10 वर्ष सश्रम कारावास तथा धारा 420, 468 भा.दं.सं. में 7-7 वर्ष धारा 467 सहपठित धारा 471 भा.दं.सं मे 5 वर्ष का सश्रम कारावास व कुल 4000 रुपये के अर्थदण्ड से दंडित किया। प्रकरण में अभियोजन की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक श्री हेमन्त राठौर द्वारा की गई।
अभियोजन का मामला संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनाक 01.04. 2014 को फरियादी संगीता चौधरी ने थाना छत्रीपुरा, इंदौर पर उपस्थित होकर इस आशय का प्रथम सूचना प्रतिवेदन लेख कराया कि घटना दिनांक 26.09.2013 से दो तीन दिन पूर्व फरियादी कुमारी संगीता चौधरी को अभियुक्त नितिन ने कहा कि ग्राम सुमठा, देपालपुर में राधेश्याम तथा भीमसिंह की जमीन है और उन्होंने अपनी जमीन विक्रय करने हेतु उसे आममुख्त्यार नियुक्त किया है और वह जमीन उससे खरीदने पर फायदे का सौदा बताया. तब फरियादी ने जमीन खरीदने की स्वीकृति अभियुक्त को दी। तत्पश्चात् दिनांक 26.09.2013 को 100 रूपये के स्टाम्प पेपर पर विक्रय इकरारनामा लेख तैयार कर आरोपी नितिन लेकर फरियादी के घर आया था और उस समय फरियादी का भाई उमेश तथा फरियादी की बहन श्रीमती सुधा शिंदे भी मौजूद थे, जिनके सामने फरियादी तथा आरोपी नितिन के बीच 61 लाख रूपये में सौदा तय हुआ और उसी समय फरियादी से बयाना पेटे आरोपी नितिन ने 14 लाख रुपये नगद प्राप्त किये तथा शेष रकम तीन माह की अवधि में प्राप्त कर जमीन की रजिस्ट्री कराने हेतु कहा तथा फरियादी से विक्रय इकरारनामा लेख एवं उक्त जमीन से संबंधित 2 ऋण पुस्तिका जो भीमसिह एवं राधेश्याम के नाम से थी, देकर चला गया और आरोपी इसके बाद करीब एक माह तक नहीं आया, जिसके कारण फरियादी को शंका हुई तो फरियादी ने जमीन के संबंध में जानकारी निकाली और आरोपी नितिन से विकय इकरारनामे से संबंधित जमीन के संबंध में आरोपी नितिन से और दस्तोवज मागे, तो उसके पास और दस्तावेज नहीं होना पाया गया, तब आरोपी से पूछने पर उसने कहा कि उसके पास किसी का मुख्त्यारनामा नहीं है, बल्कि उसे पैसों की आवश्यकता थी, इसलिए उसने झूठ बोलकर मिथ्या विक्रय इकरानामा लेख कर फरियादी को दिया है और उससे गलती हो गयी है तथा फरियादी से लिया गया पैसा व्यापार में खर्च कर दिया है और वह उससे लिये गये पैसे धीरे-धीरे वापस कर देगा।
इस प्रकार आरोपी नितिन ने फरियादी संगीता को प्रबंधना देकर मिथ्या दस्तावेज के आधार पर 14 लाख रूपये प्राप्त किये। फरियादी की उक्त आशय की रिपोर्ट पर थाना छत्रीपुरा के अपराध क. 126/ 14 अंतर्गत धारा 420, 467, 468, 471 भा.दं.सं. का प्रथम सूचना प्रतिवेदन पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया तथा संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया, जिस पर से अभियुक्त को उक्त दण्ड से दण्डित किया।