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    अक्षय तृतीया पर्व पर पारणा महोत्सव व तपस्वियों का बहुमान  

    महावीर अग्रवाल 

    मंदसौर ३० अप्रैल ;अभी तक ;   श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ मंदसौर के द्वारा कल बुधवार को अक्षय तृतीया के उपलक्ष्य में वर्षीतप करने वाले तपस्वियों का सामूहिक पारणा व तपस्वियों का बहुमान कार्यक्रम संजय गांधी उद्यान में आयोजित किया गया। प्रातः 9 से 12 बजे तक आयोजित इस महोत्सव में मंदसौर नगर एवं आसपास के क्षेत्रो के स्थानकवासी जैन समाज के महानुभाव व माता बहनों ने बड़ी संख्या में सहभागिता की। श्रीसंघ के द्वारा आयेाजित तीन दिवसीय महोत्सव के तृतीय दिवस वर्षीतप करने वाले तपस्वियों के सभी परिवारजन एवं समाजजन भी शामिल हुए और उन्होंने तपस्वियों के तप की खूब खूब अनुमोदना की। श्रीसंघ के द्वारा इस मौके पर वर्षीतप करने वाले स्थानकवासी जैन समाज के 8 तपस्वियों एवं कार्यक्रम के लाभार्थी नरेन्द्र मेहता, राजीव मेहता व डॉ. संजीव मेहता परिवार का शाल श्रीफल भेंटकर व माला पहनाकर बहुमान किया गया। श्रीसंघ की ओर से अशोक उकावत, मनोहर नाहटा, अशोक झेलावत, विनोद कुदार, पवन जैन एचएम, संजय जैन विक्रम, यशपाल बाफना, सुनील मारू, राजेश सिंघवी, मनीष बोहरा, नरेन्द्र नाहर, डॉ. गुंजन मेहता, हेमंत मेहता, सुनील तलेरा, संजय दुग्गड़, अंकित कीमती, अनिल तलेरा ने बहुमान किया।
    पारणा महोत्सव में प.पू. जैन संत श्रमण संघ प्रवर्तक श्री विजयमुनिजी म.सा. ने कहा कि अक्षय तृतीया पर्व का जैन धर्म में विशिष्ट महत्व है। इस दिन जो भी दान दिया जाता है वह सदैव अक्षय होता है। आपने भगवान आदिनाथ के वर्षीतप का उल्लेख करते हुए कहा कि श्री आदिनाथजी व श्री श्रेयांशकुमार का संबंध इस भव का नहीं था बल्कि पिछले भव में श्री श्रेयांशकुमार व राजा के सारथी थे। महान कर्म फल के कारण उन्हें प्रभु आदिनाथ को 400 दिवस का उपवास का पारणा करने का सौभाग्य मिला। धर्मसभा में चन्द्रेशमुनिजी ने भी विचार रखे। प.पू. मंगलप्रभाजी म.सा. ने कहा कि श्री आदिनाथ जी के द्वारा जब 400 दिवस बार पारणा किया गया तब तीनों लोगों में उनकी जय जयकार हुई आज अक्षय तृतीया का दिन वही विशिष्ट दिन है जब प्रभु आदिनाथजी ने हमें वर्षीतप करने की प्रेरणा दी थी। प्रभु की प्रेरणा से मंदसौर में भी वर्षीतप की तपस्याये हुई है। सभी तपस्वियों के तप की जितनी अनुमोदना की जाये कम है। धर्मसभा में डॉ. मधुस्मिताजी, श्री दिव्यांशीजी ने भी अपने विचार रखे। डॉ. मनीषा मेहता ने स्तवन गीत प्रस्तुत किया। संचालन अशोक झेलावत ने किया।
    आदर की चादर भेंट- धर्मसभा में वर्षीतप की तपस्वी साध्वी श्री मंगलप्रभाजी म.सा. व साध्वी श्री हर्षिताश्रीजी म.सा. को श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ नईआबादी मंदसौर नरेन्द्र मेहता परिवार व साध्वीजी के सांसारिक परिवार के द्वारा तपस्या के अनुमोदनार्थ आदर की चादर भेंट की गई। वर्षीतप की तपस्या करने पर श्री विजयमुनिजी म.सा. व श्री चन्द्रेशमुनिजी म.सा. ने भी साध्वीजी के तप की अनुमोदना की।
    कई संस्थाओं ने भी तपस्वियों व मेहता परिवार का बहुमान किया- धर्मसभा मंे पहुंचकर विश्व हिन्दू परिषद व जिला धार्मिक उत्सव समिति के पदाधिकारियों व सदस्यों ने कार्यक्रम के लाभार्थी नरेन्द्र मेहता परिवार के सदस्यों का शाल ओड़ाकर व माला पहनाकर स्वागत सम्मान किया। इस मौके पर कई संस्थाओं ने भी तपस्वियों का सम्मान किया तथा उनके तप की अनुमोदना की।
    ये धर्मालुजन हुए शामिल- कार्यक्रम में सांसद सुधीर गुप्ता, विधायक विपिन जैन, पूर्व मंत्री नरेन्द्र नाहटा, भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य अनिल कियावत, युवा नेता सोमिल नाहटा, सकल जैन समाज पूर्व अध्यक्ष प्रदीप कीमती, राजमल गर्ग अंकित, विजेन्द्र सेठी, महामंत्री सुनील तलेरा, मनीष सेठी,  प्रतापसिंह कोठारी, ललित जैन इंदौर, राजेश कोठारी पुणे, सुनील चौरड़िया नीमच, भंवरलाल नाहर नागदा, नपा सभापति निलेश जैन, समाजसेवी विक्रम मेहता, रत्नेश कुदार, पियुष मुरड़िया, श्रेयास हिंगड़, पारस जैन, विकास जैन, मनीष चौधरी, गुरूचरण बग्गा, विनोद जाट, ब्रजेश जोशी, प्रकाश पालीवाल, मेहता परिवार के डॉ. विमल मेहता, डॉ. गुंजन मेहता सहित कई गणमान्य नागरिकगण शामिल हुए।
    इन श्रीसंघों के पदाधिकारीगण भी पहुुंचे मंदसौर– वर्षीतप के तपस्वियों के तप के अनुमोदनार्थ आयोजित इस कार्यक्रम में सवाई माधोपुर, रावत भाटा, निम्बाहेड़ा, कोटा, जयपुर, नीमच, निम्बोद, दलौदा एवं इंदौर श्रीसंघों के प्रतिनिधि भी मंदसौर आये और उन्होंने साध्वी श्री मंगलप्रभाजी व श्री हर्षिताजी म.सा. को आदर की चादर भेंट कर बहुमान किया।

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