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    अवैध विदेशी शराब तस्करी में आबकारी विभाग की किरकिरी, चितरंगी पुलिस ने 25 लाख का अवैध शराब जप्त कर किया था  भण्डाफोड़ 

    एस पी वर्मा
    सिंगरौली २ फरवरी ;अभी तक ;   जिले में अवैध शराब खपाने का मामला उजागर होने के बाद जिले के आबकारी अमले की सिंगरौली से लेकर राजधानी भोपाल तक किरकिरी शुरू हो गई है। आरोप है कि जिले में आबकारी विभाग अमले की मिलीभगत से अवैध शराब का परिवहन एवं बिक्री किया जा रहा है।
                                           गौरतलब है कि 31 जनवरी के रात में एनएच 39 सीधी-सिंगरौली के यातायात पुलिस चौकी झोखो में पुलिस ने टीपर वाहन क्रमांक एमपी 17 जी 2807 को चेक किया था। जहां तस्दीक के दौरान वाहन चालक अंकित मल्लाह उर्फ सोनू के यहां से लोड शराब ट्रांजिस्ट परमिट 30 जनवरी की करीब रात 9 बजे तक पाई गई थी। पुलिस उस समय हैरत में पड़ गई जब चितरंगी थाने में ले जाकर प्रत्येक कार्टूनों की जांच की गई। जिसमें अलग-अलग कंपनियों की शराब बरामद हुई। जबकि टीपी में दर्ज शराब के बैच से वाहन में उपलब्ध सम्पूर्ण शराब पूर्णता भिन्न पाई गई थी। पुलिस ने करीब 453 पेटी विदेशी शराब जप्त किया था। जिसकी बाजार मेें मूल्य करीब 25 लाख रूपये है। वही टीपर वाहन की कीमत भी 20 लाख रूपये आंकी गई है। कुल 45 लाख रूपये की मसरूका जप्त कर आरोपी चालक के विरूद्ध धारा 34 (2) आबकारी अधिनियम के तहत मामला पंजीबद्ध किये गये हैं।
                                            साथ ही टीपी में उल्लेख मेसर्स विंध्यावाईन्स के मालिक के खिलाफ भी अपराध कायम किया है। वही विंध्यावाईन्स का मालिक फरार हो गया है। हालांकि पुलिस थोड़ा सा और संवेदनशील होती तो मालिक भी गिरफ्तार हो सकता था। उसे फरार होने का मौका न मिलता। फिलहाल चितरंगी पुलिस ने अवैध शराब जप्त कर गत दिवस बड़ी कार्रवाई की है और अब अवैध शराब की बिक्री तथा परिवहन को लेकर जिला आबकारी महकमा सवालों के कटघर्रे में घिर गया है। आरोप लगाया जा रहे हैं कि जिले में अन्य कई शराब दुकानों में इसी तरह का खेल खेला जा रहा है और यह सब आबकारी विभाग से सांठगांठ से हो रहा है। कई शराब ठेकेदारों को आबकारी महकमें को खुली छूट मिली हुई है। शराब दुकानों में रेट सूची भी गायब है। कई कथित ठेकेदार मनमानी तौर पर शराब महंगे दामों पर बेच रहे हैं। मजाल क्या है कि उक्त शराब ठेकेदारों पर ऑख दिखाते हैं। उसके पीछे एक ही कारण बताया जा रहा है कि आबकारी महकमें का ठेकेदारों को संरक्षण मिला है। जीता-जागता उदाहरण 25 लाख कीमत की अवैध शराब जप्त है। फिलहाल अवैध शराब जप्त होने के बाद आबकारी महकमें की शिकायत भोपाल स्तर तक पहुंच गई है। वही बीजेपी सरकार के नेता भी उक्त अवैध कारोबार से ना-खुश हैं।
    सतना की जगह जयंत के लिए रवाना हुआ था वाहन
                                         सूत्र बताते हैं कि आगामी मार्च महीनों को देखते हुये रीवा के एक शराब ठेकेदार ने पहले सतना जिले में भेजना था। किन्तु जयंत के ठेकेदार से सांठगांठ हो गई और उसने शराब से भरे वाहन को जयंत के लिए रवाना कर दिया गया। जहां रात करीब 9 बजे उक्त वाहन को यतायात पुलिस चौकी झोखों में पुलिस ने पकड़ लिया। वही अब शराब ठेकेदार की गिरफ्तारी पर भी तलवार लटने लगी है। साथ ही इस बात की चर्चा है कि सतना के जगह सप्लायर ने जयंत क्यों रवाना किया? क्या सप्लायर भी इस लपेटे में आएगा?
    आबकारी अमले का था सांठगांठ
                                              सूत्र बताते हैं कि जिले में आबकारी विभाग अमले के मिली भगत से शराब का अवैध कारोबार चरम सीमा पर है। लखपति एवं करोड़पति बनने के चक्कर में गांव, मोहल्लों व ढाबों एवं कई किराना दुकानों में देशी-विदेशी शराब आसानी से मिली जा रही है और परोसी भी जा रही है। सूत्र बताते हैं कि जिले में टीपी से विपरित भिन्न-भिन्न शराब आज से नही कई महीनों से परिवहन कर दुकानों में बेची जा रही है। इस जानकारी से आबकारी अमला अछुता नही है। सूत्र यहां तक बता रहे हैं कि देवसर क्षेत्र के एक सब इंस्पेक्टर रैंक का अमला ठेकेदार पर दरियादिली दिखाने का हर संभव प्रयास हुआ। लेकिन पुलिस के आगे उसकी एक भी नही चली। सब इंस्पेक्टर चाह रहा था कि मामले को रफा-दफा कर दिया जाए।