More
    Homeप्रदेशआदित्य मुनि जी म.सा. ने  प्रवचन में तप और कर्मों की निर्जरा...

    आदित्य मुनि जी म.सा. ने  प्रवचन में तप और कर्मों की निर्जरा का रहस्य बताया

    महावीर अग्रवाल
    मन्दसौर १८ अप्रैल ;अभी तक ;   जैन श्रावक संघ के आचार्य श्री रामलाल जी महाराज साहब की आज्ञानुवर्ती शिष्य, शान दीपक श्री आदित्य मुनि जी महाराज साहब, ठाणा तीन के साथ समता भवन, संजय गांधी उद्यान के सामने विराजित हैं। शुक्रवार को श्री आदित्य मुनि जी म.सा. ने प्रवचन में तप और कर्मों की निर्जरा का रहस्य बताया।
    प्रवचन में महाराज श्री उनोदरी तप के महत्व को समझाते हुए कहा उन्होंने उनोदरी का मतलब भूख से कम खाना कम खाने से इंसान बीमारी से बचता है कम खाएं गम खाएं और नम जाए 2016 के नोबेल प्राइज विजेता योशीनूरी ओसुमी ऑटो फकी के बारे में बताया जो एक प्रकार की उनोदरी ही है आगे द्रव्य क्षेत्र काल और भाव से उपमीत किया है आगे उन्होंने बताया कि क्रोध मान माया लोभ पर विजय पाना बहुत जरूरी है आनंद श्रावक का वर्णन करते हुए उन्होंने बताया कि आनंद श्रावक के पास 12  करोड़ सोनिया थी जिसका त्याग कर उन्होंने श्रावक व्रत अंगीकार किया था ।
    उन्होंने अपनी सारी जवाबदारी अपने बड़े पुत्र को देकर कार्य मुक्त होकर उपासरे में रहने लगे तथा तपस्या करने लगे जिससे उन्हें अवधि ज्ञान प्राप्त हुआ जब आनंद श्रावक का शरीर क्रश हो गया और गौतम स्वामी उपसरे में पहुंचे तो आनंद श्रावक ने कहा कि आप आगे पधारिए जिससे मैं आपके चरण स्पर्श कर सकूं क्योंकि मेरी शक्ति आप तक पहुंचाने की नहीं है और जब गौतम स्वामी पास गए तो उन्होंने बताया कि मुझे अवधि ज्ञान की प्राप्ति हुई है उसे समय गौतम स्वामी ने कहा कि गृहस्ती को अवधि ज्ञान प्राप्त नहीं हो सकता है उस पर आनंद श्रावक ने कहा कि आपको प्रायश्चित लेना होगा क्योंकि मैं मुझे अवधि ज्ञान की प्राप्ति हुई है। आगे कहा है कि परिग्रह को सीमित करें जितना परिग्रह सीमित होगा जितना सामान कम होगा उतना ही आदमी आराम में होगा।
    *आदित्य मुनि जी म.सा*.  का कल का प्रवचन शनिवार सुबह 8:30 से 9:30 बजे तक *समता सदन, रोम टावर वाली गली* में आयोजित होगा। सभी धर्मप्रेमियों से विनम्र आग्रह है कि वे समय पर पहुंचकर इस आध्यात्मिक प्रवचन का लाभ लेवे।

    LEAVE A REPLY

    Please enter your comment!
    Please enter your name here

    Must Read

    spot_imgspot_img