महावीर अग्रवाल
मंदसौर ५ मई ;अभी तक ; श्री सत्यसाई बाबा के 100वें जयंती वर्ष के अंतर्गत आध्यात्मिक संवाद का आयोजन आध्यात्मिक चेतना अभियान एवं सत्यसाई संगठन द्वारा किया गया।
प्रमुख वक्ता श्री प्रकाश रातड़िया ने कहा कि मैत्री, प्रमोद, करूणा एवं मध्यस्थ भाव से व्यक्ति सद्गुण सम्पन्न बनता है। घृणा एवं द्वेष से जीवन कलुषित होता है तथा आत्मा की निर्मलता पर आवरण पड़ जाता है। दुःखी व्यक्ति को देखकर करूणा जागृत होना मानवता का गुण है। दुराचरण में लिप्त व्यक्ति दया का पात्र होता है। प्रत्येक व्यक्ति में सद्गुण देखना प्रमोद भाव है जो सर्वहितकारी है।
सुश्री आशा गोयल ने श्री सत्यसाई बाबा के जीवन से जुड़े प्रेरक प्रसंग बताये। श्री राजकुमार जसवंत ने भोजन एवं पोषक श्रृंखला के अंतर्गत अपना व्यक्तव्य दिया। श्री महेन्द्र कोटवानी ने सत्यसाई बाबा के सद् विचारों का वाचन किया। इस अवसर पर भजनों की प्रस्तुति भी हुई।
आध्यात्मिक चेतना अभियान के संयोजक श्री विनोद शर्मा ने गतिविधियों की जानकारी दी। सत्यसाई संगठन के अध्यक्ष श्री दिनेश सक्सेना ने स्वागत किया। श्री निरंजन भारद्वाज, महेश कानूनगो, डॉ. प्रकाश चंदवानी, भागीरथ चौहान, राजेन्द्र छाजेड़, कन्हैयालाल पण्ड्या, सुश्री नूतन शिन्दे ने आयोजन में सहभागिता की। आध्यात्मिक संवाद के संयोजक श्री रमेश ब्रिजवानी ने संचालन किया व आभार समन्वयक श्री प्रकाश कल्याणी ने माना।